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निरीक्षण: व्यवस्थाएं देखने अचानक जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर
उज्जैन:जिला चिकित्सालय में ओपीडी का समय परिवर्तित कर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक शासन द्वारा किया गया है लेकिन डॉक्टर व अन्य स्टाफकर्मी पुराने समय पर अथवा मनमाने समय पर जिला चिकित्सालय पहुंच रहे थे। शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर गुरुवार सुबह अचानक जिला चिकित्सालय पहुंच गये। यहां उन्होंने सभी विभागों के उपस्थिति रजिस्टर जब्त करवाये और जांच की तो 8 डॉक्टरों सहित एक दर्जन कर्मचारी नदारद मिले। सभी को शोकाज नोटिस देने की तैयारी सीएचएमओ द्वारा की जा रही है।
कलेक्टर शशांक मिश्र सुबह जिला चिकित्सालय पहुंचे और सिविल सर्जन के कार्यालय में बैठकर उन्होंने डॉक्टरों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर के अस्पताल पहुंचने की सूचना के बाद सिविल सर्जन आरएस परमार, सीएचएमओ डॉ. रजनी डाबर तुरंत आये और उन्होंने व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की। कलेक्टर ने यहीं पर सभी विभागों के उपस्थिति रजिस्टर मंगवाये और कर्मचारियों से अनुपस्थित स्टाफ की गिनती करवाई तो पता चला अस्पताल पहुंचने का तय समय निकलने के बाद बिना सूचना व अवकाश के 8 डॉक्टर, 1 नर्स, 2 रेडियोग्राफर और 7 कर्मचारी नदारद थे। कलेक्टर मिश्र ने सीएचएमओ डाबर को सभी अनुपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों को शोकाज नोटिस देने के निर्देश दिए।
समस्याओं को हल करवाएंगे
कलेक्टर मिश्र को जिला चिकित्सालय परिसर में ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने के कारण बारिश का पानी भरने, जेल वार्ड में पानी टपकने, सफाई संबंधी समस्याओं की जानकारी मीडिया द्वारा दी गई। इस पर उन्होंने समस्याओं का निराकरण कराने की बात कही।
कलेक्टर को बताया गया कि हड्डी रोग का उपचार माधवनगर अस्पताल में होता है, जबकि दुर्घटना या अन्य कारणों से घायल हड्डी संबंधी मरीज सीधे जिला चिकित्सालय आते हैं और यहां से उन्हें माधवनगर अस्पताल भेजा जाता है। यहां से वहां आने जाने में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर कलेक्टर ने आर्थोपेडिक विभाग को एक स्थान पर संचालित करने पर निर्णय लेने की बात कही।