देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 3.25%, प्रदेश में 5.45% और उज्जैन जिले में 21%

इन आंकड़ों और दिवंगत पार्षद के ऑडियो के बाद शहर का हर नागरिक मांग रहा जवाब, व्यवस्थाओं के सुधार के लिए और कितनी जानेें जाएंगी?

श्रेय जैन. उज्जैन:कोरोना के संक्रमण से जंग के लिए आज देशभर में 45 दिनों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर हुई है। सही उपचार और लॉकडाउन के पालन से मौत का आंकड़ा कम हो रहा है उसके विपरीत उज्जैन जिले में आंकड़ा देश और प्रदेश के आंकड़ों से बिलकुल अलग दिशा में है।
देशभर में आज संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 40,000 के पार निकल गया है और मरने वालों की संख्या 1300 के करीब है, ऐसे में देश में कोरोना से मौत का प्रतिशत 3.25त्न है, प्रदेश में यही आंकड़ा 5.45त्न है। विपरीत उज्जैन जिले में यही आंकड़ा आज सुबह तक 21त्न पर पहुँच गया, जहां 166 संक्रमित है और उनमे से 35 लोग अपनी जान गंवा चुके है। कल हुई पार्षद की मौत और उनके द्वारा 4 दिन पूर्व जारी किये गए वीडियो बाद शहर की जनता में रोष बढ़ गया है। पार्षद की पार्टी के ही कुछ स्वास्थ्य व्यवस्था, मेडिकल कॉलेज को दिए राजनैतिक प्रश्रय, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में बनाए क्वारंटाइन सेंटर और माधवनगर अस्पताल की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

 

शहर की कहानी आंकड़ों की ज़ुबानी

प्रदेश में मरीजों की संख्या 2870 के पार है और उज्जैन में 166 इस लिहाज से उज्जैन में मरीजों की संख्या प्रदेश के कुल मरीजों के अनुपात में 5.5त्न है, जिससे यह साफ है की शहर में संक्रमण फैलने की गति धीमी रही है परन्तु जब मौत के आंकड़ों की तुलना करें तो प्रदेश में अब तक हुई 165 मौतों में से 35 अकेले उज्जैन जिले में हुई है, जो की प्रदेश में हुई कुल मौत का करीब 20त्न है। आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं की स्वास्थ्य व्यवस्था में अब भी बहुत सुधार की ज़रूरत है।

 

विधायक बोले- आंकड़ा चिंताजनक, व्यवस्था से संतुष्ट नहीं

विधायक डॉ.मोहन यादव ने कहा शहर में बढ़ते मौत के प्रतिशत से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है। मैंने मुख्यमंत्रीजी से चर्चा की है की इस मामले पर शीघ्र कार्यवाही करें। हमारे पार्षद की मौत हो गई है, पीटीएस में किस आधार पर मरीजों को रखा गया,यही समझ से परे है।

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