कृषि मंडी के चारों ओर कंटेनमेंट एरिया, उपज बेचने का जोखिम नहीं उठा सकते

उज्जैन. कृषि उपज मंडी में उपज नीलामी शुरू करने से व्यापारी पीछे हट गए हैं। उन्होंने एक मत में कहा मंडी के आसपास कंटेनमेंट एरिया है। ऐसे में मंडी में उपज बेचने के लिए किसानों का इंतजार लंबा खिंचता दिखाई दे रहा है। 38 दिन से बंद कृषि मंडी में उपज नीलामी फिर से शुरू करने के लिए मंगलवार मंडी समिति कार्यालय में बैठक रखी गई। इसमें मंडी सचिव हरगोविंद सोनगरा, अनाज तिलहन व्यवसायी संघ अध्यक्ष मुकेश हरभजनका, हजारीलाल मालवीय, प्रकाश तल्लेरा, संतोष गादिया, विजय कोठारी सम्मिलित हुए। सभी ने मंडी नीलामी शुरू करने से इंकार कर दिया। मंडी सचिव सोनगरा के अनुसार व्यापारियों से विचार विमर्श के लिए बैठक बुलाई थी। उनकी सहमति होती तो मंडी को अगले दिन से ही शुरू कर देते।

वर्तमान में मंडी में सौदा पर्ची के जरिए उपज की खरीद-फरोख्त हो रही है। मंडी में रोज 60 से 90 ट्रॉली की आवक हो रही है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए लंबी कतार और तीन से चार दिन में किसानों के नंबर आने के कारण किसानों ने आग्रह किया था कि मंडी में नीलामी शुरू कर दें ताकि बड़ी संख्या में किसानों को उपज बेचने के लिए वैकल्पिक जगह मिल सके। बैठक के बाद व्यापारियों की मंशा से एडीएम आरपी तिवारी को अवगत करा दिया। अनाज तिलहन व्यवसायी संघ अध्यक्ष मुकेश हरभजनका ने कहा मंडी में नीलामी शुरू होने पर किसानों के साथ हम्माल, तुलावटी और अन्य लोगों की आवाजाही होगी। ऐसे में स्क्रीनिंग कैसे करेंगे। एक भी व्यक्ति संक्रमित हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा। व्यापारी हजारीलाल मालवीय ने कहा लॉकडाउन तक नीलामी बंद रखना उचित होगा। मंडी के चारों ओर ऐसे क्षेत्र हैं, जो संक्रमित हैं। हम्माल, तुलावटी भी इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में जाेखिम नहीं उठा सकते।

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