बाबा महाकाल की शाही सवारी में इस बार शामिल नहीं हो सकेंगे भक्त, बस इस तरह किये जा सकते हैं दर्शन

उज्जैन/ कोरोना वायरस का असर न सिर्फ इंसानी सेहत पर पड़ रहा है, बल्कि इसका असर इंसानी व्यवस्थाओं, यहां तक की धार्मिक आस्था पर भी पड़ रहा है। बीते दिनों लॉकडाउन दौरान जहां देशभर के सभी धार्मिक स्थल बंद कर दिये गए थे, जिन्हें अब कई नियमों के साथ दौबारा खोला गया है। हालांकि, अब भी किसी भी धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध है। कोरोना का ऐसा ही असर इस बार होने वाले उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की पूजा अर्चना पर भी पड़ा है। सावन में बाबा महाकाल (mahakal) की शाही सवारी तो निकलेगी, लेकिन उसमें भक्त शामिल नहीं हो पाएंगे। ज़िला प्रशासन और मंदिर समिति ने शाही सवारी में भक्तों के शामिल होने पर रोक लगा दी है। भक्त अपने अपने घरों पर रहकर बाबा की शाही सवारी के ऑनलाइन (online) दर्शन कर सकेंगे।

भोले की नगरी में कोरोना का तांडव जारी

हालांकि, मध्य प्रदेश के कुछ जिलों ने अब तक कोरोना संक्रमण पर जीत हासिल कर ली है। लेकिन, कई जिले ऐसे है, जहां संक्रमण की रफ्तार जों की तों ही बनी हुई है। इन्हीं में से एक भोलेनाथ की नगरी में भी कोरोना का तांडव अब भी जारी है। हालांकि, लॉकडाउन के बाद मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया है, लेकिन पूरे एहतियात और गाइड लाइन के अनुसार ही भक्त यहां दर्शन कर पा रहे हैं। अब सावन के मौके पर मंदिर में पूजा होगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार पहले जैसी रौनक नहीं होगी। गाइडलाइन के अनुसार ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। बाबा की शाही सवारी पर भी इसका असर दिखेगा। सावन और भाद महीने के हर सोमवार को निकलने वाली बाबा की शाही सवारी में भक्तों के शामिल होने पर प्रतिबंध रहेगा।

 

6 को पहला सावन सोमवार

इस बार 6 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होगा। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस बार कोरोना काल के कारण एहतियादी बरतने और सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए प्रशासन और मंदिर समिति ने केंद्र की गाइड लाइन का पालन करते हुए इस बार बाबा की सवारी में भक्तों के आने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।

कलेक्टर ने किया मुआयना

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और कमिश्नर आनंद शर्मा के साथ पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद सभी अधिकारियों ने सावन में निकाली जाने वाली महाकाल की शाही सवारी के रूट का निरीक्षण किया। इस दौरान उज्जैन कलेक्टर ने कहा कि, कोरोना वायरस के हमले के बीच बाबा महाकाल की सवारी उसी वैभव और परंपरा के अनुसार निकलेगी। लेकिन इस सवारी में श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सकेंगे। श्रद्धालु सिर्फ सवारी के ऑनलाइन दर्शन ही कर सकेंगे। सवारी का रूट भी छोटा किया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस व्यवस्था में आम जनता से सहयोग की अपील की है।

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