नरेश जीनिंग में मलबे की बीच चल रही शराब की दुकान बनी चर्चा का विषय

फैक्ट्री के अटाले की नीलामी 21 लाख रुपए में हुई, जेसीबी की मदद से उठा मलबा

उज्जैन।रविवार को प्रशासन द्वारा बीमा चौराहा स्थित नरेश जीनिंग फैक्ट्री की करीब 5 एकड़ जमीन का कब्जा लेते हुए यहां स्थित दो दर्जन से अधिक दुकानों व आधा दर्जन से अधिक गोदामों को जमींदोज कर दिया था। खास बात यह कि रात में बेशकीमती जमीन पर कब्जा रखने वाले यहां पहुंचे और उन्होंने टूटी दुकानों व गोदामों के अटाले की नीलामी 21 लाख रुपये में कर दी गई। सुबह यहां दर्जनों लोग मलबे से लोहा, पतरा बीनते नजर आये।

नरेश जीनिंग फैक्ट्री संचालन के लिये सिंधिया रियासत के समय फर्म को पट्टा दिया गया। फैक्ट्री बंद होने के बाद फर्म के गौरव एरन निवासी इंदौर द्वारा मेन रोड की तरफ दो दर्जन से अधिक दुकानें बनाकर किराये पर दे दी गई थी। पट्टे की भूमि का दूसरा उपयोग होने पर प्रशासन ने पट्टा निरस्त करते हुए बीमा अस्पताल चौराहे की 5 एकड़ जमीन को शासकीय घोषित कर दिया गया साथ ही दुकानदारों व गोदाम के किरायेदारों को खाली करने के निर्देश भी दे दिये गये थे।

लोगों ने दुकानें खाली नहीं की और कोर्ट की शरण में गये। मामला कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी आज सुनवाई होना है, लेकिन अफसरों ने रविवार सुबह 6 बजे 9 जेसीबी, 2 पोकलेन मशीन की मदद से सभी दुकानें व गोदाम जमींदोज कर दिये। अब यहां मलबे का ढेर नजर आ रहा है। लोगों ने बताया कि रात में इंदौर से गौरव एरन उज्जैन आये थे। उनके पास अटाले के बड़े व्यापारी पहुंचे। मलबे से लोहा पतरा व अन्य सामान निकालने की बोली लगी। बोली की शुरूआत 15 लाख से हुई जो बढ़कर 21 लाख तक पहुंची। एक अटाला व्यवसायी ने 5 एकड़ जमीन में फैले मलबे से अटाला निकालने के 21 लाख रुपये एरन को दिये और सुबह से यहां एक दर्जन से अधिक लोग, जेसीबी मशीन से अटाला निकालने का काम भी शुरू हो गया।

बेरोजगार व्यापारी कलेक्टर से मिलेंगे: नरेश जीनिंग फैक्ट्री की जमीन पर दो दर्जन से अधिक लोग दुकानें किराये पर लेकर अपना व्यापार संचालित कर रहे थे। किसी का मेडिकल था तो किसी की होटल, कोई फल बेच रहा था तो कोई किराना सामान। प्रशासन ने एक झटके में सारे व्यापारियों को बेरोजगार कर दिया। अब उक्त व्यापारी कलेक्टर से मिलकर वैकल्पिक व्यवस्था करने की गुहार लगाएंगे।

चारों ओर मलबे के बीच चल रही कलाली: नरेश जीनिंग फैक्ट्री में तोडफ़ोड़ के बाद चारों ओर मलबे का ढेर पड़ा है, यहां देशी शराब की दुकान भी स्थित है। जिसके एक हिस्से को तोडफ़ोड़ से राहत दी गई है। कलाली के चारों ओर फैले मलबे के बीच कल से ही शराब के शौकीन शराब पीते नजर आये।

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