- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
- सिंगर प्रीतम चक्रवर्ती ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, कहा- आशीर्वाद रहा तो यहां बार-बार यहां आना चाहूंगा
- पिछले महीने हैदर शेख से बने थे हरिनारायण, अब बाबा महाकाल के दरबार में लगाई हाजिरी
- भस्म आरती में रुद्राक्ष, फूलों और मुंड माला से सजे भोले बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- भस्मारती में भगवान गणेश स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, भक्तों को दिए दर्शन
उज्जैन में विजयवर्गीय पर भड़के सज्जन वर्मा
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय के दर्शन की वजह से भस्मारती में देरी होने पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सज्जनसिंह वर्मा ने आड़े हाथों लिया। वर्मा ने कहा, नियम तोड़ कर मंदिर में प्रवेश करने वाले रावण के अवतारी लोग हैं। रावण लोग ही ऐसा करते हैं। धर्म का पालन नहीं करना, धर्म के अनुयायियों को परेशान करने, बरसों पुरानी परंपरा को खंडित करना यह ठीक नहीं है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूं। मैंने उज्जैन का प्रभारी मंत्री रहते हुए कभी भी नियमों को नहीं तोड़ा। कभी गर्भगृह में जाकर पूजा नहीं की।
राजनेताओं को घमंड नहीं करना चाहिए। दरअसल, पूर्व मंत्री वर्मा कांग्रेस की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में शामिल हुए थे। उन्होंने बढ़ती महंगाई, विधानसभा सत्र को मात्र 3 घंटे में ही समाप्त कर देने, ओबीसी आरक्षण, पेट्रोल-डीजल के दाम, बढ़ते अपराध व किसानों के संबंध में चर्चा की।
डायन महंगाई अब नहीं, डार्लिंग हो गई
वर्मा ने कहा, भाजपा को पहले महंगाई डायन लगती थी। अब डार्लिंग (प्रिय) हो गई है। पेट्रोल व डीजल के दाम 100 रुपए प्रतिलीटर के पार निकल गए हैं। दाल व तेल के भाव भी आसमान छू रहे हैं। ओबीसी आरक्षण पर कहा, इस वर्ग को 27% आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा। शिवराज सरकार ने न्यायालय में कमजोर पैरवी की है। सरकार के आदिवासियों दिवस पर शासकीय अवकाश नहीं देने पर कहा, सरकार आदिवासी विरोधी है।
आदिवासियों के प्रति अपराध रोकने के लिए सरकार कदम नहीं उठा रही। सरकार इन मुद्दों पर विधानसभा सत्र में भी बहस नहीं करना चाहती। मानसून सत्र पहले तो केवल 4 दिन का ही रखा और उसे भी पहले ही दिन 3 घंटे में ही खत्म कर दिया। सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। प्रदेश महिला अत्याचारों के मामले में देश में सिरमौर बनता जा रहा है। सरकार ने विधानसभा में ही स्वीकार किया है, जून 2020 से जून 2021 के बीच मप्र की बहन-बेटियों के साथ 6716 दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं।