दिवाली से पहले 338230 वैक्सीन लगाने का लक्ष्य, फॉलोअप सिस्टम लागू करेंगे

जिले में दीपावली से पहले बचे हुए लोगों का वैक्सीनेशन किए जाने का टारगेट रखा गया है। इसमें लोगों को मोबाइल लगाकर सेंटर पर बुलाया जाएगा, उसके बाद फॉलोअप भी लिया जाएगा। सेंटर पर नहीं आने वालों से फिर से संपर्क किया जाएगा, ये प्रयास तब तक किए जाएंगे जब तक कि संबंधित व्यक्ति सेंटर पर पहुंच कर टीका न लगवा ले। उज्जैन में 338230 लोग वैक्सीनेशन से छूटे हुए हैं, जिनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। उन्हें मैसेज करने की बजाए सीधे मोबाइल लगाया जाएगा।

साथ ही गांव के सरपंच व सचिव तथा जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर भी ग्रामीणों को सेंटर तक लाया जाएगा। विशेष अभियान भी चलाकर लोगों का वैक्सीनेशन करवाया जाएगा। उद्देश्य है कि दीपावली के पहले तक छूटे हुए सभी लोगों का वैक्सीनेशन हो जाए। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार का कहना है कि छूटे हुए लोगों की संख्या के मान से वैक्सीन उपलब्ध होती रही तो दीपावली के पहले सभी को वैक्सीन लगाई जा सकेगी।

इसलिए नहीं आ रहे लोग

  • सेंटर की ठीक से जानकारी नहीं होना।
  • ग्रामीण लोग मैसेज नहीं देख पाते।
  • दूरदराज के लोग टीका लगवाने नहीं आ पाते।
  • जागरूकता की कमी, डर व भ्रांति होना।

100 केंद्रों का संचालन होगा
जिले में 1621401 लोगों में से अब तक 1283171 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, अब 338230 लोगों को टीके लगना बाकी है। जिसको लेकर टीकाकरण विभाग ने प्लानिंग की है। जिसमें वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर करीब 100 सेंटर का संचालन किया जाएगा। गांव-गांव व दूरदराज के लोगों से संपर्क कर या उनके परिवार के सदस्यों के माध्यम से सेंटर पर लाया जाकर वैक्सीनेशन करवाया जाएगा।
10 सुझाव… ऐसे पूरा हो सकता 100 फीसदी टारगेट

  1. महाअभियान में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ है। ऐसे में विशेष मौके पर महाअभियान चलाकर लोगों का टीकाकरण किया जा सकता है।
  2. सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य किया जाए, यानी जिसे टीका नहीं लगा है, उसे लाभ नहीं दिया जाए।
  3. सरकारी व प्राइवेट कार्यालयों में जो लोग वैक्सीनेशन से छूटे हुए हैं, इसके लिए विभाग के एचओडी को पत्र लिखा जाए।
  4. प्रमुख धार्मिक स्थलों पर टीके की अनिवार्यता लागू हो।
  5. यात्राओं में भी टीकाकरण अनिवार्य किया जाए। प्रमाण दिखाने पर टिकट दिया जाए।
  6. सेंटर पर पहुंच पाने में असमर्थ लोगों को घर-घर जाकर टीके लगाए जाएं।
  7. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सेंटर शुरू किए जाए, जहां इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को पहले टीका लगाया जाए।
  8. सोशल मीडिया के माध्यम से टीके को लेकर दुष्परिणामों का भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया जाए।
  9. मतदाता सूची के आधार पर डोर-टू-डोर भौतिक सत्यापन करवाया जाए।
  10. वार्ड व ब्लॉकवार सर्वे करवाया जाए। ताकि वास्तविक स्थिति पता लगे।

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