- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
46 करोड़ के काम मंजूर थे, तंगहाली के चलते 40 करोड़ के ठप हो गए
पुराना भुगतान नहीं होने से ठेकेदार निर्माण करने को तैयार नहीं, महापौर-सभापति मद के काम भी बंद पार्षद बोले- निर्माण नहीं हुए तो जनता को क्या देंगे जवाब, महापौर का दावा- बेहतर स्थिति में है निगम
निगम की तंगहाली के चलते शहर में विकास कार्य ठप पड़े हैं। हालात यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में 46 करोड़ के सड़क, नाली, कम्यूनिटी हॉल, पाथवे निर्माण और उद्यान सौंदर्यीकरण आदि के विकास कार्य स्वीकृत होने व मद चढ़ने के बावजूद इनमें से महज 10 फीसदी कार्य शुरू नहीं हो पाए है। निगम का खजाना खाली व पुराना भुगतान नहीं होने से निर्माण एजेंसी व ठेकेदारों ने पार्षद ही नहीं महापौर व सभापति मद के कामों को भी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि महापौर इन परिस्थितियों को नकारते हुए निगम को बेहतर स्थिति में होने का दावा करती है।
ये हालात पार्षदों को कड़वा अनुभव करवा रहे हैं। चूंकि इस बोर्ड का एक वर्ष बीत गया है लेकिन पार्षदों को अपने वार्डों में जनता को बताने के लिए विकास कार्य के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष, दोनों दलों के पार्षदों की नाराजगी एक समान है। उनके लिए जनता को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। कई कार्य ऐसे हैं जिनके नहीं होने से जनता को असुविधा झेलना पड़ रही है। ठेकेदारों का तर्क है कि उन्हें उनका पुराना करीब 15 करोड़ दे दिया जाए तो वे नए काम शुरू करने की स्थिति में आए।