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रविवार को महाकालेश्वर की भस्मआरती के दर्शन:तीन खंडों में बना है महाकाल मंदिर
रविवार को भगवान महाकाल का भस्मआरती के दौरान विशेष श्रंगार किया गया। रविवार के कारण ज्योतिर्लिंग का सूर्य की तरह श्रंगार किया गया। मखाने, बादाम, नारियल व अन्य ड्राय फ्रूट के साथ फूलों की माला भी पहनाई गई।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तीन खंडों में विभाजित है। निचले खंड में महाकालेश्वर, मध्य खंड में ओंकारेश्वर तथा ऊपरी खंड में श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर स्थित है। नागचन्द्रेश्वर शिवलिंग के दर्शन वर्ष में एक बार नागपंचमी के दिन ही करने दिए जाते हैं। मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंड है।
महाकाल को ‘महाकाल’ इसलिए कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहीं से संपूर्ण विश्व का मानक समय निर्धारित होता था इसीलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘महाकालेश्वर’ रखा गया है।
गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है। इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह में नंदी दीप स्थापित है, जो सदैव प्रज्वलित होता रहता है। गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित है।