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खंडग्रास ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण:दीपावली के दूसरे दिन 25 को खंडग्रास ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण, सूर्यास्त के बाद समाप्त होने से दूसरे दिन सुबह तक रहेगा सूतक
दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को ऐसा सूर्यग्रहण होगा, जो मंत्र सिद्धि के लिए खास है। यह ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण होगा यानी ग्रहण सूर्य अस्त होने के बाद समाप्त होगा। इसलिए इसका सूतक दूसरे दिन 26 अक्टूबर को समाप्त होगा। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण का सूतक 25 को सूर्योदय के पूर्व से लग जाएगा और 26 को सूर्योदय के बाद समाप्त होगा। इसलिए 25 को सुबह से रात तक मंदिरों में देव स्पर्श, पूजन, आरती, भोग नहीं होगा, 26 को सूतक समाप्त होने के बाद ही पूजन, भोग, आरती होगी।
कार्तिक माह में दो ग्रहण हैं। 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के बाद 8 नवंबर को चंद्रग्रहण होगा। पंचांगकर्ता ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार 25 अक्टूबर का सूर्यग्रहण का स्पर्श शाम 4.42 बजे से होकर मोक्ष 6.30 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5.50 बजे हो जाएगा। मोक्ष सूर्यास्त के बाद होने से यह ग्रस्तास्त ग्रहण कहलाएगा। मोक्ष के बाद सूर्य के दर्शन नहीं होने से 26 को सुबह सूर्य के शुद्ध दर्शन के बाद ही ग्रहण का सूतक समाप्त होगा। पं. व्यास के अनुसार यह ग्रहण इसलिए खास है कि गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि सूर्यग्रहण के अवसर पर पवित्र नदी के तट पर देव प्रतिमा के समक्ष ग्रहण लगने के पूर्व स्नान कर दीपक लगाकर संकल्पित मंत्र का जप करें तो मंत्र सिद्ध हो जाता है।
8 नवंबर को चंद्रग्रहण, भारत के पूर्वी भाग में दिखेगा
पं. व्यास के अनुसार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के बाद 8 नवंबर को चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत के अति पूर्वी भाग में दिखाई देगा। इसलिए मप्र में इसके सूतक व स्नान-दान का पालन आवश्यक नहीं रहेगा लेकिन शास्त्रों का कथन है कि एक पखवाड़े में सूर्य व चंद्रग्रहण हो तो शुभ होता है। सूर्यग्रहण के 15 दिन बाद चंद्रग्रहण हो तो धर्म की वृद्धि तथा महापुरुषों का उदय होता है। सूर्यग्रहण वृषभ, सिंह, धनु व मकर के लिए शुभ, मेष, मिथुन, कन्या व कुंभ के लिए मध्यम तथा कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए नेष्ट फलदायी होगा। जिन राशियों पर नेष्ट है व ग्रहण नहीं देखें।