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जय शिव शंभू भोलेनाथ के जयकारे से गुंजयमान हुई तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, भक्तों का लगा तांता
सार
सावन माह के प्रथम सोमवार को बड़ी संख्या में पूरे भारत से श्रद्धालु नर्मदा स्नान करने एवं भगवान ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। वहां जाने पर श्रद्धालु हर हर महादेव के जयकारे से तीर्थनगरी को गुंजयमान कर रहे हैं।
विस्तार
श्रद्धालुओं के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने का सिलसिला सोमवार को प्रातः काल से ही शुरु हो गया। मंदिर में लंबी लंबी लाइन लगना शुरू हो गई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा लगातार हर हर महादेव, भोलेनाथ भोले शंभू के जयकारे लगाए जा रहे ह
मंदिर ट्रस्ट एवं प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके, इसलिए मंदिर के पट प्रातः 4:00 बजे खोलकर दर्शन कराना शुरू कर दिया था। हर आने वाले स्थानीय लोगों के लिए 4:00 से 8:00 तक मंदिर के मूल स्वरूप पर जल चढ़ाने की सुविधा विशेष द्वार से दी गई है। उसके बाद आम नागरिकों के साथ लाइन में लगकर दर्शन करने के नियम लागू कर दिये गए हैं। इधर, मंदिर ट्रस्ट ने भी आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए सोमवार को 300 रुपये शुल्क प्रत्येक श्रद्धालुओं से दर्शन करने के लिए किये हैं। खंडवा जिला कलेक्टर अनुप कुमार सिंह, एसपी मनोज राय ने मंदिर ट्रस्ट पुलिस प्रशासन पर आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके, इस प्रकार की व्यवस्था में पर लगातार नजर रखें हुए हैं।
ओंकारेश्वर से उज्जैन तक कावड़ यात्राएं
सावन माह के शुरू होते ही बड़ी संख्या में कावड़ यात्री उज्जैन से जल भरकर ओंकारेश्वर एवं ओंकारेश्वर से जल भरकर महाकालेश्वर महादेव को अर्पित करने प्रतिदिन हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं।
भारी बारिश ने किया श्रद्धालुओं को परेशान
रविवार रात्रि को ही बरसात शुरू हो गई थी, इस कारण लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि प्रशासन ने यातायात जाम ना हो एवं नगर में वाहनों का जमघट नहीं लगे, इसलिए ओंकारेश्वर से 5 किलोमीटर दूर छोटे बड़े सभी वाहनों को अस्थाई रूप से बनाए पार्किंग में वाहनों को रोकने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आज सोमवार 4:30 के बाद यह धार्मिक आयोजन
भगवान ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से 4:30 बजे भगवान की पालकी निकलेगी। दोनों ही मंदिरों से भगवान की सवारी नर्मदा नदी के घाटों पर पहुंचेंगी। सबसे पहले नर्मदा जल से स्नान करने के बाद भगवान की पंचमुखी प्रतिमा का दूध दही मिश्री मक्खन भस्म शहद एवं पंचामृत से अभिषेक होगा।