पहली बार मप्र-राजस्थान के 35 शहरों सहित देश से बाहर भी मनेगा मालवी दिवस

छह साल पहले उज्जैन से शुरू हुई मालवी दिवस मनाने की परंपरा अब देश की सीमाएं लांघकर सात समंदर पार तक पहुंच गई है। यह गुड़ी पड़वा को मनाया जाता है। मंगलवार पहली बार मप्र-राजस्थान के 35 शहरों सहित अमेरिका में यह मनेगा।

2011 से मालवी दिवस मनाने की पहल झलक निगम सांस्कृतिक न्यास के पदाधिकारियों ने उज्जैन से की। तब पांच स्थानों पर मालवी दिवस मनाया था। मंगलवार शाम 4.30 बजे कालिदास अकादमी में न्यास की ओर से मालवी दिवस मनाया जाएगा। न्यास की श्वेतिमा निगम ने बताया मालवी दिवस को जमावड़ो कार्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित को डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मालवी सेवी सम्मान 2017 से सम्मानित किया जाएगा। श्री अनूप शोध संस्थान उज्जैन की ओर से भी मालवी सेवियों का सम्मान किया जाएगा।

अमेरिका में गूंजी मालवी कबीरवाणी : कबीरपंथी गायक पद्मश्री प्रह्लाद टिपानिया आैर उनकी मंडली अमेरिका की कई यूनिवर्सिटी व स्थानों पर मालवी कबीर गीतों की प्रस्तुति दे रहे हैं। नॉर्थ केरोलिना, नॉर्थ टेक्सास, कैलिफोर्निया, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंडियाना, येल पर 16 मार्च से 9 मई के बीच टिपानिया मालवी कबीर गीत सुनाएगी। धर्मेंद्र के अनुसार मंगलवार को येल विवि में अमेरिकावासियों के बीच मालवी दिवस मनाएंगे।

मालवी में आएगी पहली आत्मकथा : इस बार मालवी दिवस पर पहली बार लोगों को किसी साहित्यकार की मालवी में आत्मकथा भी पढ़ने को मिल सकेगी। शहर के ही वरिष्ठ गद्यकार नरेंद्र श्रीवास्तव नवनीत ने मालवी में अपनी आत्मकथा कंई कूं ने कंई नी कूं लिखी है।

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