सिंहस्थ की वर्षगांठ पर शाही स्नान का आग्रह

उज्जैन । नवसंवत् की अगुवाई शहर में अलग-अलग प्रकार से की गई। रामघाट पर सूर्य को महिलाओं ने शंख बजाए। सूर्य को अर्घ्य दिया। सम्मान भी किया गया। नीम प्रसादी भी बांटी गई। फव्वारा चौक से इंद्रध्वज चल समारोह निकाला गया। माधव सेवा न्यास में ध्वज पूजन किया गया। इसी तरह मौन तीर्थ गंगाघाट पर बटुकों ने सूर्य को अर्घ्य देकर मंत्रों से नए साल का वंदन किया।
सुबह 6.27 बजे बंगाली महिलाओं ने शंख ध्वनि, सूर्यदेव को अर्घ्य, शिप्रा पूजन व आरती, शताधिक तीर्थ पुरोहितों के सम्मान, सूर्य नमस्कार किया। नव संवत्सर महोत्सव के तहत शिप्रा तट रामघाट पर गुड़ी पड़वा मनाई गई। ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास ने अमेरिका के तीन शहरों व लंदन में भी नववर्ष मनाए जाने की जानकारी दी है। पं. राजेश त्रिवेदी को जगराम गुप्त की स्मृति में नवसंवत्सर अलंकरण से विभूषित कर रुपए 1100 की सम्मान निधि भेंट की गई। अभिनंदन पत्र का वाचन रमेश दीक्षित ने किया। पल्लवी किशन के नेतृत्व में बालिकाओं ने महाकाल स्तुति करते हुए नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद, रामानुज कोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज, परमहंस स्वामी अवधेशपुरी अौर रामचंद्र पांडा कुलपति संस्कृत एवं वैदिक विवि उज्जैन, नरेंद्र धाकड़ कुलपति देवी अहिल्या विवि इंदौर व रामराजेश मिश्र पूर्व कुलपति विक्रम विवि उज्जैन व रानी दुर्गावती विवि जबलपुर ने शिप्रा नदी के जल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। वक्ताओं ने सिंहस्थ विसं 2073 के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रतीक स्वरूप जयंती पर समस्त स्थानीय अखाड़ों के साधु संतों व आचार्यों के साथ वैशाख पूर्णिमा पर शाही स्नान की स्मृतियों को ताजा करने का आग्रह किया। अंत में नीम व प्रसाद का वितरण किया गया। संचालन पं. कमलाशंकर त्रिवेदी ने किया व आभार डॉ. संतोष पंड्या ने माना।

झूलेलाल के साथ निकाली भोले की बरात
शाम को डग्गरवाड़ी से झिलमिलाती झांकियों का कारवां शुरू हुआ जो रामघाट पहुंचा। मंदिर समिति अध्यक्ष मोहनलाल वासवानी की अगुवाई में डग्गरवाड़ी झूलेलाल मंदिर की झांकियों में सबसे पहले भगवान झूलेलाल समुद्री पल्ले पर सवार होकर सभी को आशीर्वाद देते हुए निकले। दूसरी झांकी में साईं बाबा का भक्तों को उपदेश, तीसरी झांकी में भगवान शिव की बरात व चौथी झांकी में स्वर्ग के देवताओं का नृत्य के दृश्य थे। रामघाट पर ज्योत विसर्जन कर महाप्रसादी वितरित की। लाड़ी लुहाड़ा सिंधी पंचायत ने सभी 22 पंचायतों व मंडलों सम्मान किया गया।

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