महाकाल मंदिर अवैध वसूली मामला: फरार आरोपी दीपक मित्तल ने किया सरेंडर, पुलिस को अन्य तीन की तलाश

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अवैध वसूली के चर्चित मामले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। मंगलवार को इस मामले में फरार चल रहे आरोपी दीपक मित्तल ने महाकाल थाने में सरेंडर कर दिया। गौरतलब है कि इस प्रकरण में कुल 14 लोगों के खिलाफ महाकाल थाने में अपराध क्रमांक 655/2024 के तहत धारा 318(4), 316(2), 316(5) बीएनएस में मामला दर्ज किया गया था। इनमें से 10 आरोपियों को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज, फिर किया सरेंडर
जानकारी के अनुसार, चार फरार आरोपियों में से दीपक मित्तल की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई थी। इससे उसके सामने कोई और विकल्प नहीं बचा था। आखिरकार मंगलवार को उसने महाकाल थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया।
महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि मुख्यमंत्री की ड्यूटी समाप्त होने के बाद आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जाएगी। हालाँकि इस पूरे मामले में अब भी तीन आरोपी – आशीष शर्मा, पंकज शर्मा और विजेंद्र यादव फरार चल रहे हैं। पुलिस की इन पर कड़ी नजर है और लगातार दबिश दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले के और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही फरार आरोपी भी कानून के शिकंजे में होंगे।
अवैध वसूली कांड में 10 आरोपियों को कोर्ट से मिली जमानत
इस हाई-प्रोफाइल मामले में सोमवार को विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह सहित आठ आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। वहीं, बीते शनिवार को दो अन्य आरोपी उमेश पंड्या और जितेंद्रसिंह पवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। इस तरह सोमवार तक सभी 10 गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंदिर व्यवस्थाओं की जांच के दौरान कर्मचारियों और दलालों का एक पूरा गिरोह रंगे हाथों पकड़ा, जो पैसे लेकर भक्तों को विशेष दर्शन करवा रहे थे। इस मामले में 14 कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था । वहीं, जांच में खुलासा हुआ था कि मंदिर के स्थायी कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारी और यहां तक कि कुछ मीडिया कर्मी भी इस अवैध धंधे में शामिल थे। इसके बाद थाना महाकाल ने अपराध क्रमांक 655/2024 के तहत धारा 318(4), 316(2), 316(5) BNS में केस दर्ज किया।
इस मामले में मुख्य आरोपी विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह, राजेंद्रसिंह सिसोदिया, जितेंद्रसिंह पवार, ओमप्रकाश माली, रितेश शर्मा, उमेश पांडे और करण सिंह पवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और 21 मार्च को पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था। अब गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में से 8 को सोमवार को जमानत मिल गई, जबकि दो आरोपियों को पहले ही राहत मिल चुकी थी। वहीं, दीपक मित्तल के सरेंडर के बाद अब इस मामले में तीन आरोपी— आशीष शर्मा, पंकज शर्मा और विजेंद्र यादव— पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।