उज्जैन में फिर लौटा कोरोना! 47 वर्षीय महिला पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर; चरक अस्पताल में कर्मचारियों ने पहनने शुरू किए मास्क

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा तेजी से मंडराने लगा है। कई राज्यों में कोविड-19 के नए मामलों में उछाल के बीच अब मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में भी संक्रमण की दस्तक ने चिंता बढ़ा दी है। उज्जैन की 47 वर्षीय महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जो सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज के लिए अस्पताल आई थीं। यह मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
महिला ने निजी लैब में जांच करवाई थी, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। जैसे ही रिपोर्ट सामने आई, तुरंत स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हुआ और चरक अस्पताल परिसर में सतर्कता बढ़ा दी गई। अब अस्पताल के कर्मचारी मास्क में नजर आने लगे हैं, जो इस बात का संकेत है कि हालात को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर ने बताया कि जिले में कोरोना से निपटने के लिए पूर्व में की गई तैयारियों को फिर से एक्टिव मोड में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया, “हमारे पास दो ऑक्सीजन प्लांट पहले से हैं और दोनों चालू हालत में हैं। अस्पताल स्टाफ को मास्क पहनने की चेतावनी दी जा चुकी है और कई कर्मचारियों ने मास्क पहनना भी शुरू कर दिया है। अगर राज्य सरकार की ओर से एडवायजरी आती है तो हम आइसोलेशन वार्ड भी तत्काल शुरू कर देंगे।”
हालांकि, फिलहाल प्रशासन का कहना है कि लोगों को घबराने की नहीं, बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है। उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह ने भी नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ही सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा, “अभी तक राज्य शासन की ओर से कोई नई गाइडलाइन नहीं आई है, लेकिन स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”
गौरतलब है कि कोरोना का नया वेरिएंट दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारें फिर से सक्रिय हो गई हैं। उज्जैन जैसे तीर्थ और पर्यटन नगरी में बाहर से लाखों श्रद्धालु और यात्री आते हैं, ऐसे में संक्रमण की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है कि मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करना बेहद जरूरी है। जरूरत पड़ने पर जांच जरूर कराएं और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अनावश्यक जाने से बचें।