उज्जैन में चला ‘नशे को कहें ना’ अभियान, हस्ताक्षर कर जनता ने लिया नशा मुक्त समाज का संकल्प; पुलिस और जनता ने मिलकर उठाई नशे के खिलाफ आवाज़!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में इन दिनों नशे के खिलाफ एक सशक्त जनआंदोलन खड़ा किया जा रहा है। 15 से 30 जुलाई तक चल रहे राज्यव्यापी अभियान ‘नशे से दूरी है जरूरी’ के तहत उज्जैन के खाराकुआं थाना क्षेत्र में एक अनोखा और असरदार जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश फैलाया।

छत्री चौक क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा शामिल हुए। लेकिन कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत रही – “नशे को कहें ना – हस्ताक्षर अभियान”, जिसके अंतर्गत एक विशाल होर्डिंग लगाया गया। इस पर उपस्थित लोगों ने अपने हस्ताक्षर कर यह सार्वजनिक संकल्प लिया कि वे खुद नशे से दूर रहेंगे और समाज को भी इससे बचाने के लिए कार्य करेंगे।

कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता भर नहीं था। इसमें वास्तविक चिंता और जागरूकता का भाव नजर आया। थाना स्टाफ के साथ-साथ नगर रक्षा समिति के सदस्य भी पूरे जोश के साथ उपस्थित रहे। आम लोगों को संबोधित करते हुए पुलिसकर्मियों ने बताया कि किस प्रकार नशा किसी व्यक्ति के जीवन, उसकी सोच, परिवार और सामाजिक रिश्तों को चुपचाप खोखला कर देता है।

अभियान में खास फोकस युवाओं पर रहा। उन्हें समझाया गया कि नशा किसी भी रूप में सिर्फ शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक बर्बादी की जड़ बनता है। पुलिस ने अपील की कि युवा आगे आएं, अपने मोहल्ले, स्कूल, कॉलेज और काम की जगहों पर “नशा मुक्त भारत” की मुहिम को आगे बढ़ाएं।

इस अभियान को लेकर लोगों में गहरी उत्सुकता और समर्थन देखा गया। कई लोगों ने कहा कि वे आने वाले दिनों में इस मुहिम का हिस्सा बनकर अपने मोहल्लों में जागरूकता फैलाएंगे। कार्यक्रम ने यह साफ कर दिया कि नशे जैसी सामाजिक बुराई को केवल पुलिस या प्रशासन नहीं, बल्कि जनता के सहयोग से ही हराया जा सकता है।

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