शिप्रा नदी हादसा: टीआई अशोक शर्मा के बाद एसआई मदनलाल का शव बरामद, कॉन्स्टेबल आरती अब भी लापता; खोज जारी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

शनिवार को उज्जैन में शिप्रा नदी में एक कार गिरने की घटना में लापता हुए तीन पुलिसकर्मियों में से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं। सोमवार को दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), होमगार्ड और गोताखोरों की संयुक्त टीम ने एसआई मदनलाल निमामा का शव बरामद किया। इससे पहले, रविवार सुबह लगभग 8 बजे घटना स्थल से 4 किलोमीटर दूर टीआई अशोक शर्मा का शव नदी से निकाला गया था।

हालांकि, इस घटना में लापता कॉन्स्टेबल आरती पाल का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। घटना स्थल और आसपास के क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

जानकारी के मुताबिक, तीनों पुलिसकर्मी शनिवार को लापता 14 साल की लड़की के मामले की जांच के लिए उज्जैन से चिंतामन की ओर जा रहे थे। सफेद रंग की कार कॉन्स्टेबल आरती पाल चला रही थीं। कार पुल पर पहुंचते ही असंतुलित हो गई और बिना रेलिंग के पुल से नीचे शिप्रा नदी में जा गिरी।

पानी का बहाव घटना के समय इतना तेज था कि कार तेजी से डूब गई और चालक दल के लिए बचाव में मुश्किलें बढ़ गईं। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि कार पुल के लेफ्ट साइड से लगभग 12 फीट नीचे गिरी। घटना की सूचना मिलते ही एसपी प्रदीप शर्मा, निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा, अपर आयुक्त संतोष टैगोर, SDRF, होमगार्ड और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

रेस्क्यू ऑपरेशन

  • रविवार शाम अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोक दिया गया था।

  • सोमवार को NDRF की 30, होमगार्ड की 20 से अधिक टीम और शिप्रा तैराक दल के 22 सदस्य सर्चिंग में लगे रहे।

  • घटना स्थल से कार का बंपर MP13 CC 7292 करीब 3 किलोमीटर दूर भृतहरि गुफा के सामने घाट के पास मिला। authorities का मानना है कि कार अभी भी आसपास हो सकती है।

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि कॉन्स्टेबल आरती पाल 41 साल की हैं और शादी नहीं हुई है। उनका भाई छह महीने पहले ही निधन हो गया था। कार की ब्रांडिंग उनके नाम की है।एसपी ने कहा कि अशोक शर्मा के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी और पेंशन सहित अन्य सरकारी सुविधाओं में मदद की जाएगी।

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि तीनों पुलिसकर्मी लापता लड़की की जांच के लिए चिंतामन जा रहे थे। घटना स्थल पर रात के समय एएसआई लोकेश सिंह तोमर तैनात थे। बहाव की तेज गति और पुल की रेलिंग न होने के कारण कार नियंत्रण खोकर नदी में जा गिरी।

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