सिंहस्थ 2028: श्रद्धालुओं की सुविधा को केंद्र में रखकर बनी कार्ययोजना, भीड़ प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पर जोर; मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेला अधिकारी ने बनाया रोडमैप!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

सिंहस्थ 2028 को लेकर प्रशासन ने तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी है। सोमवार शाम प्रशासनिक संकुल भवन में सिंहस्थ मेला अधिकारी एवं संभागायुक्त आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक का फोकस साफ था—आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित सिंहस्थ का आयोजन।

आवागमन और स्नान की सुविधा पर फोकस

बैठक में सिंह ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार कार्ययोजना पूरी तरह श्रद्धालुओं के दृष्टिकोण से तैयार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्नान और दर्शन का समय कम से कम हो और हर श्रद्धालु को आसानी से घाट तक पहुंचने का अवसर मिले। इसके लिए प्रमुख मार्गों पर भीड़ प्रबंधन की रणनीति तैयार की जा रही है। सभी आवश्यक मार्गों को वन-वे घोषित करने और बिजली खंभों व चौराहों की डिजिटल मैपिंग का निर्देश दिया गया।

शहर की छवि और वातावरण बेहतर बनाने के लिए जिला वन मंडलाधिकारी अनुराग तिवारी को विशेष लैंडस्केपिंग योजना तैयार करने को कहा गया। वहीं, जिला पंचायत सीईओ मंदसौर अनुकुल जैन को निर्देश दिए गए कि सभी प्रमुख पहुंच मार्गों और मेला क्षेत्र में मापदंड अनुसार संकेतक लगाए जाएं। खासकर दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर चिन्हांकन और संकेतक लगाने पर जोर दिया गया।

सिंहस्थ मेला अधिकारी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि घाटों पर अस्थाई शौचालय, सुलभ शौचालय, सफाई मित्रों की पर्याप्त तैनाती और कचरा कलेक्शन पॉइंट की योजना तुरंत फाइनल की जाए। कपड़ों के ढेर और मच्छरों के उन्मूलन पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।

मेला क्षेत्र में पीएचसी, ओपीडी, चिकित्सक दल, एम्बुलेंस और फायर स्टेशन जैसी आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। प्रमुख स्नानों के दिनों में भीड़ कम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों को वैकल्पिक रास्तों के रूप में चिन्हांकित करने का प्रस्ताव भी आया।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि मेला क्षेत्र को अलग-अलग जोन में विभाजित किया जाएगा। हर जोन में प्रशासनिक कार्यालय, पुलिस कंट्रोल रूम, मीडिया सेंटर, अस्पताल और फायर स्टेशन जैसी बेसिक सुविधाएं होंगी।

यूडीए सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए त्रिस्तरीय पार्किंग व्यवस्था बनाई जाएगी। इस पार्किंग में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल होगा ताकि बसों और पैदल यात्रियों के आवागमन में किसी तरह की बाधा न आए। रेल से आने वाले श्रद्धालु भी नईखेड़ी, चिंतामण, पंवासा और विक्रम नगर स्टेशन से बसों के जरिए सीधे मेला क्षेत्र तक पहुंच सकेंगे।

अपर आयुक्त रत्नाकर झा ने स्पष्ट कहा कि सिंहस्थ क्षेत्र तक पहुंचने के सभी रास्तों को सुचारु रखा जाए। वहीं, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और क्वालिटी कंट्रोल मैकेनिज्म विकसित करने की बात कही।

समीक्षा बैठक में मेला अधिकारी द्वारा गठित सभी नोडल अधिकारी मौजूद रहे। तय हुआ कि सिंहस्थ 2028 की कार्ययोजना सिर्फ व्यवस्थाओं तक सीमित न होकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुगमता और आस्था को केंद्र में रखकर लागू की जाएगी।

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