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सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन प्रशासन एक्शन मोड में: शिप्रा नदी के तटों पर बनेंगे नए मजबूत घाट, 778 करोड़ की परियोजना पर तेज़ी से काम शुरू; कमिश्नर आशीष सिंह ने किया निरीक्षण
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सिंहस्थ महापर्व 2028 को लेकर उज्जैन प्रशासन ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं। इसी क्रम में संभागायुक्त आशीष सिंह और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने शुक्रवार को ग्राम सिकंदरी स्थित निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। यहां जल संसाधन विभाग और निर्माण एजेंसी द्वारा शिप्रा नदी के तटों पर नए स्नान घाटों के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने स्थल पर जाकर निर्माण की प्रगति और प्लांट की कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस दौरान संभागायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि —
“सभी घाटों का निर्माण मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाला हो। निर्माण कार्य अगस्त 2027 तक पूरी तरह संपन्न हो जाना चाहिए।”
सिंहस्थ 2028 के लिए 29 किलोमीटर लंबा घाट निर्माण
सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी के दोनों तटों पर — शनि मंदिर से लेकर भैरवगढ़ के नागदा बायपास तक करीब 29.21 किलोमीटर की लंबाई में नए घाटों के निर्माण की मंजूरी दी है। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा 778.91 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
इन घाटों पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम स्नान की सुविधा मिलेगी। साथ ही, तीन वेंटेड कॉजवे (नदी पार पुल) भी बनाए जाएंगे ताकि जल स्तर और यातायात का संतुलन बना रहे।
भूमि अधिग्रहण में आई समस्या पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश
संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी भी स्थल पर भूमि अधिग्रहण की दिक्कत आती है, तो तुरंत जिला प्रशासन को सूचित करें ताकि समय रहते समाधान निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि घाटों की रैलिंग, सीढ़ियों और पत्थरों की गुणवत्ता टेंडर के अनुसार उत्कृष्ट स्तर की होनी चाहिए।
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि —
“निर्माण कार्य पूरी तरह शासन के दिशा-निर्देशों और नियमों के अनुरूप हो। हर छोटे-से-छोटे चरण की निगरानी नियमित रूप से की जाए।”
उंडासा तालाब के घाट का भी किया निरीक्षण
निरीक्षण दल ने इसके बाद ग्राम उंडासा तालाब (उप-पड़ाव स्थल) पर नव निर्मित घाट का भी दौरा किया। यहां निर्माण की गुणवत्ता और सुविधाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने आवश्यक सुधार के सुझाव दिए।
निर्माण एजेंसी और अधिकारी रहे मौजूद
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी फ़लोदी कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक परमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।