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उज्जैन: फर्जी डॉक्टर के इलाज से नवजात की मौत, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विशेष अस्पताल में मारा छापा — परिजनों ने किया हंगामा!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में फर्जी डॉक्टर के इलाज से नवजात की मौत के बाद मामला गंभीर होता जा रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए फ्रीगंज स्थित विशेष अस्पताल पहुंची, जहां गर्भवती महिला का इलाज हुआ था। जांच के दौरान मरीज के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा करते हुए फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
3 अक्टूबर को सील हुआ था आशीर्वाद अस्पताल
दरअसल, यह पूरा मामला डॉ. तय्यबा शेख के मक्सी रोड स्थित आशीर्वाद अस्पताल से जुड़ा है, जहां महिला का इलाज फर्जी डॉक्टर द्वारा किया गया था। घटना के अगले ही दिन यानी 3 अक्टूबर को माधव नगर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र रघुवंशी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार सोमेश और डीएचओ जितेंद्र सिंह राजपूत की टीम ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल को सील कर दिया था।
जांच में यह बात सामने आई कि गर्भवती महिला काजल को आशीर्वाद अस्पताल से विशेष अस्पताल भेजा गया था। इसी कड़ी में सोमवार को विभागीय अमला विशेष अस्पताल पहुंचा ताकि वहां के रिकॉर्ड और इलाज की प्रक्रिया की जांच की जा सके।
जांच के दौरान पहुंचे परिजन, अस्पताल के बाहर प्रदर्शन
जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही थी, वैसे ही काजल के परिजन और ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल के बाहर नारेबाजी करते हुए फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। परिजनों का कहना था कि फर्जी इलाज के कारण नवजात की मौत हुई है, इसलिए अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
काजल के पति बोले — कोरे कागज पर साइन करवाए थे
जांच टीम ने जब काजल के पति को भर्ती के समय के दस्तावेज दिखाए, तो उन्होंने इन कागज़ों पर अपने हस्ताक्षर से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना था कि “मुझसे कोरे कागज पर साइन करवाए गए थे, बाद में दस्तावेजों में कुछ और लिखा गया।”
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से किया इनकार
वहीं, विशेष अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि जब काजल अस्पताल पहुंची थी, उस समय गायनोकोलॉजिस्ट मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्हें केवल प्राथमिक उपचार और कुछ टेस्ट करवाकर दूसरे अस्पताल भेज दिया गया था।
स्वास्थ्य विभाग ने जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार की
स्वास्थ्य विभाग के सदस्य डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया —
“काजल के मामले में टीम ने विशेष अस्पताल का निरीक्षण किया। हमने मरीज की भर्ती, इलाज और डिस्चार्ज से जुड़ी सभी फाइलें और दस्तावेज देखे हैं। अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे कलेक्टर को सौंपा जाएगा। आगे की कार्रवाई का निर्णय वही लेंगे।”
जिले में बढ़ी स्वास्थ्य विभाग की सख्ती
इस घटना के बाद उज्जैन जिले में स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टरों और अनधिकृत अस्पतालों पर सख्त रुख अपना लिया है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में ऐसे सभी अस्पतालों की जांच अभियान चलाया जाएगा, जहां बिना लाइसेंस या बिना योग्य चिकित्सकों के इलाज किया जा रहा है।