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खुले में शौच से मुक्त, सड़क पर कचरा न दिखे और 100 प्रतिशत डोर टू डोर कलेक्शन, उज्जैन को मिला 12वॉ गौरवपूर्ण स्थान
उज्जैन । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरु किये गए स्वच्छ भारत अभियान में इस वर्ष की शुरुआत में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश के करीब 500 शहरों में करवाए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में उज्जैन शहर को संपूर्ण देश में 12वॉ एवं मध्यप्रदेश में चौथा गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है। उक्त उपलब्धि प्राप्त होने की जानकारी मिलते ही नगर निगम के साथ ही पूरे शहर में हर्ष व्याप्त हो गया तथा एक-दुसरे को बधाईयॉ देने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। नगर निगम परिसर में कर्मचारियों ने अतिशबाजी कर अपनी खुशियों का इजहार किया।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वैकया नायडू ने आज नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के अवार्ड वितरण समारोह में महापौर श्रीमती मीना विजय जोनवाल निगम, आयुक्त श्री आशीषसिंह तथा अपर आयुक्त श्री विशालसिंह चौहान को पुरस्कार स्वरुप राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा एवं ‘‘स्वच्छ सिटी अवार्ड’’ का प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
स्वच्छ उज्जैन, अब सबकी जिम्मेदारी
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैकेया नायडु से अवार्ड लेते महापौर व आयुक्त।
इनकी तस्वीर नहीं छाप सकते हैं लेकिन अब यहां साफ-सफाई की बेहद जरुरत – शंकरपुर, पंवासा, कोलूखेड़ी, आबूखाना, नागझिरी, हीरामिल चाल, जयसिंहपुरा, हेलावाड़ी, पत्ती बाजार जूना सोमवारिया, बड़ी सब्जी मंडी, मक्सी रोड मंडी।
दूसरा कचरा फेंके तो हम साफ कर देते हैं
रहवासी दिनेश जादौन के अनुसार हमने सेवानिवृत्त जनों और जागरूक नागरिकों की टीम बना ली है। हम अपने आसपास तो सफाई रखते ही हैं, यह भी ध्यान रखते हैं कि कौन कचरा सड़क पर डाल रहा है। उसके सामने जाकर कचरा उठा लाते हैं ताकि उसे सबक मिले। उद्यान, रोटरी में सामूहिक सफाई करते हैं। महीने में एक दिन शहर के किसी एक सार्वजनिक जगह जाकर भी सफाई करते हैं। अब कोई भी अपना कचरा बाहर नहीं डालता।
कचरा बाहर डाला तो पार्षद को शिकायत
पुराने शहर की बस्ती जीवाजीगंज क्षेत्र में लोग सुबह शाम घर आंगन बुहार कर कचरा नाली या सड़क पर डालने के आदि थे। पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल कहते हैं- जब डोर टू डोर शुरू किया तो लोगों को अजीब लगा। लोग चुपके से कचरा फैंक देते थे। नागरिकों की ही पाबंद किया कि कोई कचरा सड़क पर डाले तो शिकायत करो। अब कोई कचरा नहीं फेंकता। नागरिक खुद निगरानी रखते हैं। कहीं कचरे का ढेर नजर नहीं आता।
विवेकानंद कॉलोनी से शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत हुई थी। शक्तिसिंह चौधरी के अनुसार नागरिकों को इसके लिए तैयार किया। सभी का सहयोग मिला। जब गलियां साफ दिखने लगी और उद्यान संवरने लगे तो नागरिक खुद आगे आए। अब हर गली-उद्यान की देखभाल रहवासी स्वयं करते हैं।
ये है शहर के सबसे साफ इलाके, क्योंकि नागरिकों ने हाथ बंटाया
हमें इतने अंक मिले
विषय कुल मिले
ननि का आंकलन 900 832
आब्जरवेशन 500 391
नागरिक फीडबैक 600 467
कुल अंक 2000 1691
अब इससे आगे जाना होगा। सार्वजनिक शौचालयों व मूत्रालयों की कमी को दूर करना होगा। इससे बाहर गंदगी नहीं होगी। कचरे का निपटान करने के लिए हमें मंडी, होटल्स, रेस्टोरेंट, भोजनालय, छात्रावास में ऐसी व्यवस्था करना होगी कि वहां के कचरे से वहीं खाद बनाया जा सके। नागरिकों की 100 प्रतिशत भागीदारी तब होगी जब वे घर में ही गीला व सूखा कचरा अलग कर गाड़ियों को सौंपे। शहर को डस्टबिन फ्री बनाया जाए। सीवरेज प्लान को लागू करना होगा ताकि शहर में कहीं भी नाली-गटर दिखाई न दे। शिप्रा की स्वच्छता और घाटों की सफाई के लिए सिंहस्थ जैसी व्यवस्था कायम की जाएगी। सप्त सागर साफ रखेंगे। आशीष सिंह, आयुक्त ननि
कचरे को घरों व दुकानों से कलेक्ट करना, उसे ट्रांसफर स्टेशन पहुंचाना और वहां से गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड भेज कर खाद बनाकर व लैंड फिलिंग कर समाप्त करने की व्यवस्था की। व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्र में तय समय पर सफाई की और कचरा उठाया। शहर से औसत 230 टन कचरा रोज निकलता है। इसमें 1.5 टन पॉलीथिन भी शामिल है। कचरे की छंटाई भी महत्वपूर्ण थी। इस काम में 2 हेल्थ ऑफिसर, 5 सेनेटरी इंस्पेक्टर, 16 दरोगा, 54 मेट और 2200 सफाईकर्मी तैनात किए। संसाधन के रूप में 100 से ज्यादा वाहन लगाए। – वीएस मेहते, एक्जीक्युटिव टीम कॉर्डिनेटर
हमने सर्वे को चुनौती के रूप में लिया। टारगेट तय किए और उन्हें हासिल करने में ताकत झोंक दी। सबसे पहले खुले में शौच मुक्त शहर बनाया। मुख्य मार्गों तथा सार्वजनिक स्थलों पर कचरा दिखाई न दे, इसकी व्यवस्था की। तत्पश्चात शहर को कूड़ा घरों से मुक्त कराया। सार्वजनिक शौचालयों (सुलभ) को साफ रखने की व्यवस्था कायम की। सभी व्यावसायिक संस्थानों का कचरा रात में ही कलेक्ट करने, वहां दिन व रात में दो बार सफाई की व्यवस्था की। घर-घर से कचरा लेने की 100 प्रतिशत व्यवस्था बनाई। इसके अलावा उन बिंदुओं पर ध्यान दिया जो टॉप रैंकिंग के लिए जरूरी थे। विशालसिंह चौहान, अपर आयुक्त व टीम लीडर