सिंहस्थ में हुआ सवा करोड़ का घोटाला ऑडिट में अब पकड़ाया, प्रकरण दर्ज

उज्जैन | शासकीय पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने सिंहस्थ के दौरान बेचे गये ईंधन की राशि में एक करोड़ से अधिक की गड़बड़ी कर डाली जिसका खुलासा ऑडिट के दौरान हुआ। इस पर जिला विपणन अधिकारी ने महाकाल थाने में कर्मचारी के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया जिसकी जांच के सात माह बाद पुलिस ने अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार जिला विपणन अधिकारी जिला कार्यालय फ्रीगंज द्वारा 11 मई 2017 को शिकायती आवेदन दिया था जिसमें बडऩगर रोड स्थित शासकीय पेट्रोल पम्प के सहायक संविदा प्रभारी सचिन पिता एस.के. अर्गल द्वारा सिंहस्थ के दौरान माह 1 अप्रैल 2016 से 25 अप्रैल 2016 तक 2,16,70,28856 रुपये का ईंधन विक्रय किया गया जबकि इसके विरुद्ध व्यय राशि को मिलाकर बैंक खाते में 1,75,23,23,983 सहित राशि रुपये 41,470,4873 संघ के बैंक खाते में जमा नहीं करते हुए मात्र 16,15,48300 जमा की गई। इसमें से कुछ राशि बाद में जमा की गई और शेष रही 146721300 खाते में जमा नहीं किये गये।

सवा करोड़ की हेराफेरी ऑडिट के दौरान संघ के पकड़ में आई जिसकी शिकायत महाकाल थाने में की गई। सात माह तक जांच के बाद महाकाल थाने के एसआई जी.आर. खाटकिया ने सचिन अर्गल के खिलाफ अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया। खाटकिया ने बताया कि वर्तमान में सचिन का अन्यत्र ट्रांसफर हो चुका है जिसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जायेगी। प्रथम दृष्टया सचिन द्वारा हेराफेरी करना पाया गया है जबकि घोटाले में अन्य लोगों के शामिल होने की आशंका है।

इनका कहना
सिंहस्थ के दौरान शासकीय पेट्रोल पंप से ईंधन विक्रय की राशि में हुए घोटाले की अधिकारी जानकारी नहीं है। मैं तो कुछ समय पहले ही आया हूं। हालांकि राशि लगभग 42 लाख रुपये की हो सकती है। इतना बड़ा घोटाला होने की जानकारी भी नहीं है। मामले की जांच भोपाल स्थित हेड ऑफिस से हुई है और वहां की जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई। घोटाला करने वाला कर्मचारी संविदा कर्मचारी सचिन अर्गल वर्तमान में भोपाल हेड ऑफिस में ही पदस्थ है। पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है लेकिन उसकी कॉपी अभी तक मुझे प्राप्त नहीं हुई है।
-राकेश हेडाक, जिला विपणन अधिकारी

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