- महाकालेश्वर मंदिर में शुरू हुआ 6 दिवसीय महारुद्राभिषेक अनुष्ठान, 22 ब्राह्मणों ने किया महारुद्राभिषेक
- पगड़ी पहनकर सजे बाबा महाकाल...मस्तक पर लगाया त्रिपुंड और ॐ
- बाबा महाकाल का भांग, चन्दन और आभूषण से श्रृंगार किया गया
- महाकाल मंदिर में यज्ञाचार्य सौमिक अनुष्ठान का जायजा लेने पहुंचे
- बाबा महाकाल का राजा स्वरुप में श्रृंगार किया गया
उज्जैन निगम का दावा- कोई जर्जर भवन नहीं, पर हकीकत कुछ और
उज्जैन | इंदौर में जर्जर इमारत धराशायी होने से 10 मौतों के बाद अब प्रदेशभर में ऐसे भवनों को लेकर चिंता जागी है। उज्जैन शहर में सिंहस्थ से पहले खतरनाक घोषित कई भवन नगर निगम ने ढहाए थे। अब निगम का दावा है शहर में कोई भी जर्जर भवन नहीं है। हालांकि नईदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया अब भी कई भवन खतरा बने हुए हैं। विशेषकर पुराने शहर में। ये भवन कभी भी गंभीर हादसे का सबब बन सकते हैं।
इंदौर की घटना ने प्रदेश को दहला दिया है। 50 साल पुरानी एक होटल धराशायी हुई और 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में इंदौर नगर निगम प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। इधर, उज्जैन नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि सिंहस्थ-2016 से पहले ही ऐसे सभी भवन डिस्मेंटल कर दिए गए हैं। हालांकि मैदानी स्थिति जुदा है। महाकाल सवारी मार्ग पर ऐसे भवनों की संख्या अधिक है जो 30 से 40 साल पुराने हैं। यह स्थिति और भी चिंताजनक इसलिए है क्योंकि हर साल सावन-भादौ मास में सवारी मार्ग पर हजारों श्रद्घालु जुटते हैं।
एसई बोले-नए सिरे से सर्वे करेंगे
उज्जैन नगर निगम के अधीक्षण यंत्री हंसकुमार जैन ने कहा है कि फिलहाल ऐसी कोई सूची नहीं जिसमें क्षतिग्रस्त भवनों की नामजद संख्या हो। नए सिरे से सर्वे कराएंगे। वैसे भी हर साल वर्षाकाल से पहले सर्वे कर क्षतिग्रस्त मकानों का पता कर भवन मालिकों को नोटिस जारी किया जाता है। गत वर्ष भी तकरीबन 50 ऐसे भवन मालिकों को नोटिस जारी किए थे।