सरकार ने किया रेलवे कर्मचारियों से धोखा

उज्जैन। केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। सन2016 में रेलवे के दो कर्मचारी संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे में एवं ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के द्वारा मांगों को लेकर आंदोलन करने की घोषणा की गई थी। उस दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथसिंह ने दोनों यूनियनों के सचिव डी.एम. राघवैया एवं शिवगोपाल मिश्रा को अपने घर पर बुलाया और इस बात का आश्वासन दिया कि रेलवे कर्मचारियों की मांगे पूरी कर दी जायेगी। इसलिये दोनों यूनियनें हड़ताल पर नहीं जायें। केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल नहीं की गई। लेकिन सरकार ने अभी तक न तो मांगें मानी न ही चर्चा के लिये किसी को बाद में बुलाया।

यह बात नेशनल फेडरेशन ऑफ यूनियन रेलवे के उपाध्यक्ष जेजी माहुरकर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कही। उन्होंने कहा कि हड़ताल से कोई फायदा नहीं होता है और हड़ताल होना भी नहीं चाहिये लेकिन सरकार ऐसे कर्मचारियों को नजरअंदाज कर रही है जो कि एशिया में सबसे बड़े दूसरे नेटवर्क संभालते हैं। देश में प्रतिदिन दो करोड़ लोग रेल से सफ र करते हैं। आपने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिये जो विभाग है उसमें 1.30 लाख पद खाली पड़े हैं और जो काम कर रहे हैं उन्हें न तो छुट्टी मिलती है और उनसे डरा धमका कर कार्य लिया जाता है।

माधव कॉलेज में पढ़े
जेजी माहुरकर माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में सन 1951 से लेकर 1957 तक अध्ययनरत रहे। उन्होंने इसी महाविद्यालय से एम.ए किया है। उनका कहना है कि माधव महाविद्यालय का स्थानांतरण का कालिदास कन्या महाविद्यालय के लिये बनाये गये भवन में नहीं किया जाना चाहिये।

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