- Ujjain Simhastha 2028: AI, ग्रीन कॉरिडोर और स्मार्ट कमांड सेंटर से आयोजन का सफल प्रबंधन होगा, श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा
- सिंहस्थ 2028 की तैयारी में उज्जैन: कोयला फाटक से गोपाल मंदिर तक 15 मीटर चौड़ा होगा मार्ग, यातायात सुविधा में होगा सुधार!
- 17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी: उज्जैन में जश्न का माहौल, ढोल की थाप और आतिशबाजी के साथ BJP कार्यकर्ताओं ने किया CM के फैसले का स्वागत
- उज्जैन में बेखौफ चोरों का कारनामा, घर से 3 मिनट में 2 लाख की बाइक चुराई; सीसीटीवी में कैद हुई चोरों की चतुराई
- भस्म आरती: बिलपत्र चंद्र से बाबा महाकाल का किया गया राजा स्वरूप श्रृंगार!
मेले का एक वर्ष पुराना वीडियो हो रहा वायरल
उज्जैन। पिछले एक सप्ताह से व्हाट्सएप एप्लीकेशन पर मेले में झूले की पालकी टूटने से लोगों के गिरने और एक लड़की की मौत का वीडियो वायरल हो रहा है। इन दिनों नदी किनारे कार्तिक मेला चल रहा है और इस झूठे वीडियो के वायरल होने का असर झूला संचालकों के धंधे पर पड़ रहा है।
जो वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल हुआ है उसकी सच्चाई बताते हुए मेले में झूला व मौत का कुआं संचालित करने वाले तेजूबाबा ने कहा कि जो वीडियो मोबाइलों में वायरल हुआ है उसमें सबसे ऊंचे झूले की पालकी नीचे आते समय टूटते दिखाई दे रही है।
पालकी में से महिला, बच्ची व अन्य लोग गिरते दिखाई दे रहे हैं। तेजूबाबा ने बताया कि यह वीडियो करीब एक वर्ष पुराना महाराष्ट्र का है और उस घटना में एक बच्ची की मृत्यु हुई थी।
इस वीडियो का उज्जैन के कार्तिक मेले से कोई सरोकार नहीं है। इससे पूर्व भी एक वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल हो चुका है जिसमें एक युवती चलते झूले की पालकी से काफी ऊंचाई से जमीन पर गिरते दिखाई गई है वह वीडियो भी पुराना है।
व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे झूठे वीडियो का असर कार्तिक मेले के झूलों पर पड़ रहा है और ऐसे वीडियो देखने के बाद लोग अब झूलों में बैठने से डर रहे हैं। झूला संचालक तेजूबाबा का कहना है कि प्रतिदिन सुबह से शाम तक झूलों की बारीकी से जांच के बाद ही उन्हें चलाया जाता है।
इंजीनियर के सार्टिफिकेट के बाद चलते हैं झूले
मेले में लगने वाले झूलों की प्रशासनिक परमिशन होती है जिसके अंतर्गत पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों द्वारा झूलों की बनावट, विद्युत सप्लाय, सुरक्षा के उपाय सभी बिंदुओं पर जांच के बाद ही झूला संचालक को सार्टिफिकेट देकर परमिशन दी जाती है।