- भस्म आरती: मस्तक पर मुकुट और भांग, ड्राईफ्रूट से सजे बाबा महाकाल, जय श्री महाकाल की गूंज हुई गुंजायमान
- भस्म आरती: बिलपत्र, रुद्राक्ष की माला, रजत मुकुट और आभूषण अर्पित कर राजा स्वरूप में किया गया भगवान महाकाल का श्रृंगार!
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भस्म आरती: रविवार तड़के तीन बजे खोले गए मंदिर के कपाट, सूर्य तिलक अर्पित कर किया गया भगवान महाकाल का श्रृंगार
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार तड़के तीन बजे सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोले गए। उसके बाद गर्भगृह के पट खोलकर भगवान को जल से स्नान कराया गया। वहीं नंदी हाल में नंदी जी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया।
बता दें कि मंदिर के कपाट खुलने के बाद भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।
जिसके बाद भांग, चंदन, ड्राईफ्रूट और सूर्य तिलक अर्पित कर भगवान महाकाल का राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। फिर महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई, जिसके बाद भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। इस दौरान बाबा महाकाल ने रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई, शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। बाबा को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया।
वहीं, मंदिर में जैसे ही बाबा महाकाल के दर्शन शुरू हुए, वैसे ही चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई और बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।