मध्यप्रदेश की पहली हाईटेक कामधेनु गौशाला का भूमि पूजन सम्पन्न: मुख्यमंत्री ने रखी 25 हेक्टेयर में बनने वाली आधुनिक गौशाला की नींव, 10 हजार गौवंश की होगी देखभाल

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में गौरक्षा और गौसंवर्धन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में एक नई ऐतिहासिक पहल का आगाज हुआ है। इंदौर जिले के महू-मण्डलेश्वर मार्ग स्थित आशापुरा ग्राम में राज्य की पहली अत्याधुनिक हाईटेक कामधेनु गौशाला का भूमि पूजन समारोह एक भव्य आयोजन के रूप में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गाय का पूजन कर गौमाता को चारा खिलाया और नन्हे बछड़े को गोद में लेकर स्नेह से दुलारा, जिससे आयोजन की आत्मीयता और भावनात्मक ऊंचाई स्पष्ट झलकी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि गौशाला 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित की जा रही है, जिसमें 10,000 गौवंश के पालन-पोषण की व्यवस्था होगी। नगर निगम इंदौर इस प्रकल्प का संचालन करेगा, जिसमें संत समाज और समाजसेवी भी सहभागिता निभाएंगे। गौवंश के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शेड, हरे चारे की खेती, बीमार गायों के लिए विशेष शेड, आहार भंडारण केंद्र, वृक्षारोपण और जलप्रबंधन की विस्तृत योजना तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “गौरक्षा और संवर्धन” के संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने गौशालाओं को दुग्ध क्रांति के केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित करने की बात करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि अब प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गौपालन एक सशक्त स्तंभ बनकर उभरेगा। वर्तमान में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन 9% है, जिसे 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए दुग्ध उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने हेतु प्रभावी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आश्वासन दिया कि इंदौर देश का पहला नगर निगम होगा जिसके पास सवा सौ बीघा में फैली गौशालाएं होंगी। वहीं स्वामी श्री अच्चुतानंद जी महाराज ने इसे गौसंवर्धन के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उदाहरण बताया और कहा कि यह प्रकल्प एक जनआंदोलन का स्वरूप ले चुका है।

डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया कि यह पूरा वर्ष गौसेवा को समर्पित होगा और इसके अंतर्गत डॉ. भीमराव अंबेडकर योजना के माध्यम से गौपालकों को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसके साथ ही स्वावलंबी गौशालाओं की नीति 2025 को लागू करते हुए, पूरे प्रदेश में निराश्रित गौवंश की समस्या का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

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