उज्जैन में वक्फ कमेटी के उपाध्यक्ष से ब्लैकमेलिंग: पुलिस ने 3 सदस्यीय गिरोह पकड़ा, नर्मदापुरम से हुई गिरफ्तारी; प्रदेशभर में वक्फ कमेटियों से कर रहे थे अवैध वसूली!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

खाराकुआं थाना पुलिस ने वक्फ बोर्ड मस्जिद एवं मजार मदारगेट कमेटी के उपाध्यक्ष हारुन नागौरी को ब्लैकमेल करने वाले एक सक्रिय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने विशेष टीम गठित कर नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम अय्युब अहमद खान, सलीम खान और अमजद हुसैन बताए गए हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह लंबे समय से प्रदेशभर में वक्फ कमेटियों और धार्मिक संस्थाओं को निशाना बनाकर फर्जीवाड़ा और अवैध वसूली कर रहा था।

कैसे खुला मामला?

11 सितंबर को उपाध्यक्ष हारुन नागौरी ने खाराकुआं थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि एक गिरोह लगातार फर्जी दस्तावेजों और झूठी शिकायतों के जरिए उन्हें और पूरी समिति को परेशान कर रहा है। आरोपियों ने अवैध दबाव बनाकर पैसों की वसूली की कोशिश भी की। पुलिस की जांच में उपाध्यक्ष के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार पाए गए।

गिरोह का नेटवर्क और करतूतें

जांच में सामने आया कि गिरोह एक संगठित तरीके से वक्फ कमेटियों को टारगेट करता था। उनकी मुख्य गतिविधियां इस प्रकार रहीं:

  • फर्जी शपथ पत्र तैयार कर न्यायालयों में गलत याचिकाएं दाखिल करना।

  • वक्फ संपत्तियों और दुकानों पर दबाव बनाकर अवैध आवंटन कराने की कोशिश करना।

  • अलग-अलग थानों और अदालतों में झूठी शिकायतें दर्ज कराना।

  • समिति पदाधिकारियों को डराकर और ब्लैकमेल कर आर्थिक वसूली करना।

हाईकोर्ट तक पहुंचा फर्जीवाड़ा

गिरोह की करतूतें सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं थीं। 8 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ में भी इस गिरोह ने एक झूठा शपथ पत्र दाखिल किया था। याचिका में पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, जांच के बाद यह याचिका भी निराधार पाई गई।

कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, 338, 336(3), 308(7) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर इस नेटवर्क से जुड़े और लोग भी सामने आ सकते हैं।

पुलिस का बयान

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह प्रदेशभर में सक्रिय था और वक्फ संपत्तियों पर अवैध दबाव बनाकर कई सालों से आर्थिक लाभ उठा रहा था। उज्जैन पुलिस ने इसे संगठित अपराध की श्रेणी में मानते हुए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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