हर बुलंदी को छू रही बेटियां, इनसे ही खिलती है खुशियों की फुलवारी
माता-पिता और समाज के साथ दो परिवारों का गठजोड़ बनाने में ये ही निभाती हैं अहम भूमिका उज्जैन. अब वह दौर खत्म हो गया जब लोग कहा करते थे कि हमारा बेटा आज इस मुकाम पर पहुंच गया है, आज वह उस ऊंचाई को छू रहा है। अब जिनके घरों में सिर्फ बेटियां ही हैं, वे भी फख्र से सिर उठाकर कहते हैं कि हमारी बेटी पढ़ाई में अव्वल आई है। आज वह उस कंपनी…
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