दीपावली से पहले दो दिन रहेगा खरीदी का महामुहूर्त पुष्य

दीपावली से पहले दो दिन रहेगा खरीदी का महामुहूर्त पुष्य

-संभागीय पेज व अन्य एडिशनों के लिए भी दे दें। इसे दीपपर्व वाली खबर के साथ क्लब कर लें। -21 व 22 अक्टूबर को सोम के साथ मंगल पुष्य उज्जैन। सालों बाद दीपावली से पहले खरीदी का महामुहूर्त पुष्य दो दिन रहेगा। 21 अक्टूबर को सोमवार के दिन शाम 5.35 से पुष्य नक्षत्र का आरंभ होगा, जो अगले दिन मंगलवार को शाम 4.45 बजे तक रहेगा। खास बात यह है कि पुष्य नक्षत्र के साथ…

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बाजार में दोगुने दाम पर मिल रहा है प्याज, असली भाव है यह…

बाजार में दोगुने दाम पर मिल रहा है प्याज, असली भाव है यह…

उज्जैन |  प्याज के मूल्य नियंत्रण को लेकर गठित चार विभागों की टीम ने गुरुवार को मक्सी रोड स्थित सब्जी मंडी में प्याज के दाम की पड़ताल की, जिसमें सामने आया कि चिमनगंज थोक सब्जी में अच्छे प्याज के दाम 22 से 24 रुपए किलो तक है लेकिन इसी गुणवत्ता वाला प्याज खेरची मंडी में 45 रुपए किलो तक बिक रहा है। प्याज में खेरची विक्रेताओं द्वारा लिए जा रहे दोगुने मुनाफे पर चिंता जताते…

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रामघाट पर कपड़े बदलने के शेड टूटे, फर्शियां उखड़ीं

रामघाट पर कपड़े बदलने के शेड टूटे, फर्शियां उखड़ीं

उज्जैन:बारिश के दौरान शिप्रा नदी में आई बाढ़ के कारण घाटों पर रखे कपड़े बदलने के शेड और फर्शियां उखड़ चुकी हैं। यहां प्रतिदिन आने वाले सैकड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। खासतौर से महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिये यहां वहां स्थान तलाशना पड़ रहा है। नगर निगम द्वारा शिप्रा नदी के घाटों पर महिलाओं की सुविधा के लिये वस्त्र बदलने के शेड लगाये गये थे। बारिश के दौरान नदी में बाढ़ आने के…

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डॉयल 100 में ड्यूटी पर होमगार्ड जवान की मौत

डॉयल 100 में ड्यूटी पर होमगार्ड जवान की मौत

उज्जैन। जीवाजीगंज थाने में पदस्थ होमगार्ड जवान को अल सुबह गश्त के दौरान सीने में दर्द उठने पर साथी पुलिसकर्मी उपचार के लिये जिला चिकित्सालय ले गये, जहां परीक्षण के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया है। रामलाल पिता पूरा माल (45 वर्ष) निवासी तिरूपति धाम कानीपुरा रोड 1992 से होमगार्ड में था और वर्तमान में वह जीवाजीगंज थाने में पदस्थ था। रामलाल बीती…

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बारूद के ढेर पर बैठा यह शहर, कभी-भी हो सकता है धमाका

बारूद के ढेर पर बैठा यह शहर, कभी-भी हो सकता है धमाका

दीपावली पास आते ही नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखों का अवैध भंडारण शुरू हो गया है। अधिक कमाई के चक्कर में लोग सुरक्षा को लेकर नदरअंदाज कर रहवासी इलाकों में चोरी-छिपे पटाखा जमा कर रहे हैं। नगर के बीचोबीच पटाखा व्यापारियों द्वारा अवैध भंडारण किया जा रहा है। आम आदमी की सुरक्षा को ताक पर रखकर रहवासी क्षेत्रों में हो रहे भंडारण के प्रति पुलिस प्रशासन की लापरवाही किसी भी दिन भारी पड़ सकती…

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शहरवासियों ने आखिर क्यों अपनाई आंदोलन की राह…

शहरवासियों ने आखिर क्यों अपनाई आंदोलन की राह…

उज्जैन-झालावाड़ हाइवे पर फोरलेन सडक़ निर्माण की मांग करते हुए मंगलवार को संैकड़ों शहरवासियों ने आंदोलन की राह अपना ली। गांधीवादी तरीके से प्रथम दिन एक रैली निकाली गई और जनप्रतिनिधियों से इस मांग को आगे बढ़ाने की मांग की गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित फोरलेन को उज्जैन से सीधे गरोठ जोड़े जाने की प्रक्रिया को लेकर लोगो में आक्रोश भी दिखाई दिया। रैली में महात्मा गांधी के स्वरूप में एक नवयुवक आकर्षण…

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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर जागरूकता रैली…

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर जागरूकता रैली…

उज्जैन। बोहरा समुदाय के स्कूली बच्चों द्वारा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर जागरुकता रैली निकाली गई। इसका उद्देश्य थाली में झूठा भोजन नहीं छोडऩे के प्रति लोगों को जागरुक करना था।

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उज्जैन:36 घंटों बाद भी नहीं मिला आर्किटेक्ट

उज्जैन:36 घंटों बाद भी नहीं मिला आर्किटेक्ट

सोमवार देर रात त्रिवेणी पाले पर आर्किटेक्ट द्वारा नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेने की शंका परिजनों द्वारा नानाखेड़ा पुलिस के सामने जाहिर की गई। इसके बाद मंगलवार सुबह होमगार्ड, तैराकों द्वारा नदी में दिनभर उसकी खोज की गई लेकिन सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह तक सर्चिंग जारी थी, लेकिन अब आस टूटती नजर आ रही है, मां बहन के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।   मामला युवक के नदी में कूदने का,…

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खाओ मन भर, झूठा न छोड़ें कणभर

खाओ मन भर, झूठा न छोड़ें कणभर

उज्जैन |  इतना लो थाली में की, झूठा न जाए नाली में…खाओं मन भर लेकिन झूठा न छोड़े कणभर। आज वल्र्ड फूड डे के मौके पर इन पंक्तियों की प्रासंगिकता पर चर्चा लाजिमी है। ये वाक्य भले ही सुनने में सामान्य लगे लेकिन जिन लोगों के पास खाने के लिए पेटभर अन्न नहीं है उनके लिए यह अहम है। बड़े रेस्त्रां, होटल व संपन्न परिवारों में जितना खाना छोड़ दिया जाता है, उसमें हजारों लोग…

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आंसू बहा रहे किसानों का छलका दर्द, न बेटी का ब्याह रचा पाएंगे, न चुका पाएंगे कर्ज

आंसू बहा रहे किसानों का छलका दर्द, न बेटी का ब्याह रचा पाएंगे, न चुका पाएंगे कर्ज

उज्जैन | अब न बेटी का ब्याह रचा पाएंगे, न कर्ज चुका पाने की हिम्मत बची है। लगातार बारिश के चलते किसानों के सारे सपने चकनाचूर हो गए। दीपावली का त्योहार सामने है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के घरों में सन्नाटा पसरा पड़ा है। वे बच्चों के साथ बैठकर उनके खेल देखकर अपना दर्द भुलाने का प्रयास कर रहे हैं। महिलाएं भी जो थोड़ी-बहुत फसल घर-आंगन तक पहुंची है, उसकी साफ-सफाई में जुटी हैं,…

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