- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
- सिंगर प्रीतम चक्रवर्ती ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, कहा- आशीर्वाद रहा तो यहां बार-बार यहां आना चाहूंगा
- पिछले महीने हैदर शेख से बने थे हरिनारायण, अब बाबा महाकाल के दरबार में लगाई हाजिरी
- भस्म आरती में रुद्राक्ष, फूलों और मुंड माला से सजे भोले बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- भस्मारती में भगवान गणेश स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, भक्तों को दिए दर्शन
सावन महोत्सव की प्रस्तुतियों ने घोला आस्था का रस, शिवजी की 12 कर्ण मुद्राओं का प्रदर्शन हुआ
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के महति आयोजन 18 अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिव संभवम” की दूसरी संध्या में पहली प्रस्तुति डॉ. मधुमिता भट्टाचार्या के शास्त्रीय गायन की हुई। डॉ. मधुमिता भट्टाचार्या के शास्त्रीय गायन का प्रारम्भ राग भिन्नसरज विलंबित ख़याल एक ताल में अरज सुन लीजे गजानन…., राग भिन्नसरज में द्रुत ख़याल तीन ताल में मंगल कीजे गणराज….की प्रस्तुति के बाद राग शंकरा द्रुत ख़याल डमरू डम-डम बाजे….की प्रस्तुति दी गई। उसके बाद कजरी कहे…
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