मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तराना को दी ऐतिहासिक सौगात, नर्मदा-क्षिप्रा सिंचाई परियोजना का लोकार्पण; तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में की पूजा-अर्चना

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र को ऐतिहासिक सौगात दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ₹2,489.65 करोड़ की लागत से बनी नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देशीय माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का लोकार्पण किया, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के माध्यम से नर्मदा जी की पावन धारा अब तराना की धरती तक पहुंचेगी, जिससे हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्षेत्र में ₹9.64 करोड़ की लागत से निर्मित इंदौख हाईलेवल ब्रिज, ₹7.15 करोड़ की लागत से बनने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र भवन, ₹5.73 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन और ₹5.21 करोड़ की लागत की 11 नल-जल परियोजनाओं का भी लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
किसानों के लिए सरकार की सौगातें जारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों की बेहतरी के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि के अतिरिक्त प्रदेश सरकार किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही, गेहूं खरीद के लिए ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
इसके अलावा, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दूध पर ₹5 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की गई है। जो व्यक्ति 10 या उससे अधिक गायों का पालन करेगा, उसे विशेष अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना पशुपालकों और किसानों के लिए आर्थिक रूप से बहुत लाभदायक साबित होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा लिंक परियोजनाएं प्रदेश को प्राप्त हुई हैं, जो सिंचाई और जल आपूर्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। इस परियोजना के तहत उज्जैन जिले की तराना और घट्टिया तहसीलों के 83 गांवों की 27,490 हेक्टेयर भूमि एवं शाजापुर जिले के शाजापुर तहसील के 17 गांवों की 2,728 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब क्षिप्रा नदी में वर्षा जल प्रवाहित किया जाएगा, जिससे हर घाट पर श्रद्धालु क्षिप्रा जल में स्नान कर सकें।
इस अवसर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तराना स्थित प्राचीन तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने श्री महारुद्र सहस्त्र चंडी महायज्ञ में पूर्ण आहुति अर्पित की और संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत समाज समाज का मार्गदर्शन करता है और उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम धर्म, संस्कृति और मानवता के उत्थान की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर के महंताई उत्सव में सहभागिता की और महंत मोहन भारती महाराज जी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि धर्म और आध्यात्म के उत्थान के लिए सरकार निरंतर कार्यरत रहेगी।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महिलाओं और युवाओं के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
- महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण दिया जाएगा।
- लाड़ली बहनों को हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
- रेडीमेड गारमेंट उद्योग में कार्यरत महिलाओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- आने वाले एक वर्ष में प्रदेश में 1 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती किया जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, साल 2017 में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने वाली इस परियोजना को पुनरीक्षित लागत ₹2489.65 करोड़ में मंजूरी मिली थी। इसके बाद ₹1856.70 करोड़ की लागत से एल एंड टी कंस्ट्रक्शन, चेन्नई को इसका अनुबंध सौंपा गया था। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत नर्मदा जल को भूमिगत पाइपलाइन प्रणाली के माध्यम से 100 गांवों के 30,218 हेक्टेयर भूमि तक पहुंचाया जाएगा।
इससे उज्जैन जिले के तराना और घट्टिया तहसील के 83 गांवों की 27,490 हेक्टेयर भूमि और शाजापुर जिले की शाजापुर तहसील के 17 गांवों की 2,728 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, उद्योगों और घरों में जल आपूर्ति के लिए भी यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
जल आपूर्ति के प्रभावशाली आंकड़े
परियोजना के तहत – उज्जैन जिले के उद्योगों और पेयजल आपूर्ति के लिए 129.60 एमएलडी जल
नागदा नगर के लिए 129.60 एमएलडी जल
तराना, घट्टिया व गुराड़िया गुर्जर में प्रत्येक के लिए 21.60 एमएलडी पेयजल
शाजापुर जिले के गांव समूह व शाजापुर नगर के लिए 43.20 एमएलडी पेयजल
मक्सी में पेयजल व उद्योगों के लिए 43.20 एमएलडी जल उपलब्ध होगा।
वहीं, ओंकारेश्वर जलाशय (ग्राम बड़ेल, जिला खंडवा) से इस परियोजना के लिए पानी भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से 435 मीटर ऊंचाई तक उद्वहित किया जाएगा। इसके लिए 6 पंपिंग स्टेशन और 50 पंप मोटर लगाए गए हैं, जिनके संचालन के लिए 89 मेगावाट विद्युत की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, मुख्य पाइपलाइन और वितरण प्रणाली के लिए 2254 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है, जिससे 2.5 हेक्टेयर के प्रत्येक चक तक जल पहुंच सकेगा।