सिंहस्थ 2028 की पर्सनल मॉनिटरिंग करेंगे कलेक्टर, विकास कार्यों की रफ्तार पर पैनी नजर; लापरवाही पर अफसरों को चेतावनी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन जिले के विकास कार्यों की गति और शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ जुटे हुए हैं। इसी क्रम में विक्रमादित्य संकुल स्थित कलेक्टर कार्यालय के सभागृह में आयोजित समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सिंहस्थ 2028 से संबंधित सभी कार्यों और प्रस्तावों की पर्सनल मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि प्रशासनिक दक्षता के परीक्षण का भी अवसर है, इसलिए इससे जुड़े हर कार्य में पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरती जाए।
बैठक में जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह, एडीएम प्रथम कौशिक, स्मार्ट सिटी सीईओ संदीप शिवा सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख शामिल थे। कलेक्टर सिंह ने कृषि उपार्जन की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि फेल्ड पेमेंट वाले कृषकों के भुगतान को अगले दो दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए, जिससे किसान भाई-बहनों को कोई असुविधा न हो।
सीएम हेल्पलाइन पर सख्त तेवर, शिकायतों के त्वरित निराकरण के निर्देश
बैठक के दौरान सिंह ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों की तहसीलवार और विभागवार गहन समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शासन की प्राथमिकता नागरिकों की समस्याओं का त्वरित और संतुष्टिपूर्ण समाधान है। उन्होंने लंबित शिकायतों को शीघ्र निराकृत करने के निर्देश देते हुए यह भी कहा कि शिकायतों के समाधान की प्रगति की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतेंगे, उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने सभी विभागों को सीएम हेल्पलाइन रैंकिंग में सुधार करने की हिदायत दी। टॉप 10 में शामिल विभागों से अपेक्षा की गई कि वे शेष शिकायतों का निराकरण कर रैंकिंग में और ऊपर आएं।
जल गंगा संवर्धन अभियान और ई-केवाईसी कार्यों की प्रगति पर विशेष जोर
बैठक में जल गंगा जल संवर्धन अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। खेत तालाब, अमृत सरोवर, रिचार्ज पिट, पौधारोपण आदि गतिविधियों के लक्ष्यानुसार संचालन के निर्देश दिए गए। सिंह ने कहा कि यह अभियान केवल एक योजना नहीं बल्कि भावी पीढ़ी के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है।
साथ ही समग्र ई-केवाईसी कार्य की समीक्षा में नगरीय निकाय उन्हेल, तराना, माकड़ौन, महिदपुर और खाचरोद को ‘मिशन मोड’ में कार्य करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि पंचायतवार और वार्डवाइज लक्ष्य निर्धारित कर ई-केवाईसी कार्य को शीघ्र पूर्ण किया जाए ताकि शासन की समग्र योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंच सके।
अनुकंपा नियुक्ति एवं टीएल पत्रकों की समीक्षा में ली गंभीरता
बैठक में कलेक्टर ने टीएल (टाइम लिमिट) पत्रकों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि समयबद्धता के साथ कार्य पूर्ण करें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाए और पात्र परिवारों को समय पर न्याय मिले। कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। इसी क्रम में श्री सिंह ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के एसडीओ और ओबीसी के असिस्टेंट डायरेक्टर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
नि:क्षय अभियान की भी हुई समीक्षा
बैठक के अंत में नि:क्षय अभियान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें अब तक की गतिविधियों की जानकारी दी गई। आगामी चरण में किए जाने वाले कार्यों और रणनीतियों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिस पर विस्तार से चर्चा हुई। कुल मिलाकर यह समीक्षा बैठक न केवल प्रशासनिक मजबूती का परिचायक रही, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उज्जैन जिले में शासन की प्राथमिकताएं धरातल पर किस प्रकार सक्रियता से उतर रही हैं।