मध्य प्रदेश में गोमांस कर मुक्त अधिसूचना पर विवाद: विहिप ने सरकार को दिया चेतावनी पत्र, कहा – अधिसूचना वापस नहीं हुई तो होगा जन आंदोलन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश में गोमांस कर मुक्त करने की अधिसूचना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विहिप के पदाधिकारियों ने कलेक्टर कार्यालय में एडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा और कहा कि यह निर्णय राज्य के गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के खिलाफ है। उनके अनुसार, गोमांस और उसकी संतति के मांस पर कर मुक्त का अधिकार देना समाज में असंतोष और अशांति फैलाने वाला कदम है और यह गो हत्या को बढ़ावा देने जैसा है।

विहिप के मालवा प्रांत मंत्री विनोद शर्मा ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय से जनता में नाराज़गी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि गोवंश के संरक्षण और उनके उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, जबकि गोमांस को कर मुक्त करना इस दिशा में विपरीत कदम है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अधिसूचना वापस नहीं ली गई तो संगठन राज्य में व्यापक जन आंदोलन कर सकता है।

संगठन ने सरकार से कई मांगें भी रखी हैं। इनमें गोमांस और उसकी संतति के मांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग शामिल है। इसके अलावा, छोटे जिलों में चल रहे अवैध कसाईखानों की जांच और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। विहिप ने राज्य और जिला स्तर पर कसाईखाना नियंत्रण समिति के गठन की भी मांग की, ताकि गोवंश और उनके उत्पादों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इसके अलावा, मांस बाजार में रैंडम सैंपल टेस्टिंग करने और गोमूत्र और गोबर से बने उत्पादों को कर मुक्त करने की भी मांग की गई है। संगठन का कहना है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए बिना अधिसूचना लागू करना जनता में भारी असंतोष पैदा कर सकता है। विहिप ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल गोवंश और उनके उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इस मुद्दे पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

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