उज्जैन महाकाल मंदिर में भक्तों का सैलाब, एक दिन में बिका 54.48 क्विंटल लड्डू प्रसाद; अगली सवारी के लिए 80 क्विंटल तैयारी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

श्रावण मास के पहले सोमवार को उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में एक बार फिर आस्था का विशाल जनसैलाब उमड़ा। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचे। अनुमान के मुताबिक करीब 2.5 लाख भक्तों ने महाकाल के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। खास बात यह रही कि इस दिन प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद की भी जोरदार मांग रही। 54.48 क्विंटल लड्डू प्रसाद की बिक्री हुई, जिससे करीब 26 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।

यह लड्डू प्रसाद सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि महाकाल की विशेष कृपा का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है, और अब तो विदेशों से आने वाले श्रद्धालु भी इसे सौभाग्य और आस्था का प्रसाद मानकर अपने साथ ले जाते हैं।

अब मंदिर समिति दूसरे सोमवार (22 जुलाई) को निकलने वाली महाकाल की परंपरागत सवारी के लिए पूरी तरह तैयारियों में जुट गई है। इस दिन भक्तों की संख्या और भी अधिक रहने की संभावना को देखते हुए 80 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार करवाया जा रहा है। समिति का मानना है कि इससे किसी भी श्रद्धालु को बिना प्रसाद लौटना न पड़े।

कैसे बनता है महाकाल का शुद्ध लड्डू प्रसाद?

महाकाल मंदिर का लड्डू प्रसाद उसकी पवित्रता और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। इसकी तैयारी की प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी और धार्मिक मानकों के अनुसार होती है। देसी घी, चने की दाल, रवा और ड्रायफ्रूट जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से खरीदी जाती है। इन सभी सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा की जाती है। अगर कोई सामग्री निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो उसे तुरन्त अस्वीकृत कर दिया जाता है।

बेसन के लिए पहले सूखी चने की दाल खरीदी जाती है जिसे साफ कर मंदिर परिसर की चक्की में पीसा जाता है। रवा सीधे फैक्ट्री से आता है, जबकि देसी घी सांची (उज्जैन दुग्ध संघ) से विशेष दर पर खरीदा जाता है क्योंकि यह धार्मिक उपयोग के लिए होता है। काजू, किशमिश और इलायची जैसी सामग्री भी गहन जांच के बाद उपयोग में ली जाती है।

प्रशासन और समिति सतर्क

श्रावण सोमवार और खासकर महाकाल की सवारी जैसे आयोजनों को लेकर प्रशासन और मंदिर समिति पूरी तरह से सतर्क और सजग है। श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक मैनेजमेंट और प्रसाद वितरण की व्यवस्थाओं को बारीकी से समन्वित किया जा रहा है।

 

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