बेटी ने घर से भागकर किया प्रेम विवाह, परिवार ने कर दिया ‘मृत’ घोषित; शोक पत्रिका के जरिए गांववालों को बुलाकर किया पिंडदान

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन जिले की खाचरोद तहसील के गांव घुड़ावन में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। यहां की एक युवती के प्रेम विवाह करने से नाराज परिजनों ने उसे जीवित होते हुए भी ‘मृत’ घोषित कर दिया और पूरे विधि-विधान से उसका पिंडदान कर मृत्यु भोज का आयोजन किया। यह मामला अब चर्चा का केंद्र बन गया है।

बेटी के फैसले से टूटा परिवार, उठाया अनोखा कदम

बड़े व्यापारी वर्दीराम गरगामा की बेटी मेघा, जो बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा थी, 11 मार्च को अचानक घर से लापता हो गई। परिजन पूरे दिन उसे ढूंढते रहे, लेकिन जब कोई पता नहीं चला तो खाचरोद थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई

अगले ही दिन, 12 मार्च को पुलिस ने बताया कि मेघा ने अपने सहपाठी दीपक बैरागी के साथ उज्जैन में कोर्ट मैरिज कर ली है और अब वह अपने घर लौटना नहीं चाहती। यह सुनकर परिवार पर जैसे वज्रपात हो गया। बेटी के इस फैसले से आहत परिवार ने उसे अपने जीवन से ही ‘मृत’ मान लिया और चार दिन बाद, 16 मार्च को पूरे विधि-विधान के साथ उसका पिंडदान किया

मृत्यु भोज और शोक पत्रिका भी छपवाई

परिवार ने न केवल बेटी की ‘मृत्यु’ की घोषणा की, बल्कि बाकायदा शोक पत्रिका भी छपवाई और पूरे गांव को ‘मृत्यु भोज’ में आमंत्रित किया। गांव के घुड़ावन स्थित धाकड़ धर्मशाला में आयोजन हुआ, जहां एक बड़ी तस्वीर लगाकर, हार-फूल चढ़ाए गए और पुजारी द्वारा पिंडदान की रस्म संपन्न करवाई गई।

बेटी के भाई रघुनंदन ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा, “जिस बेटी को हमने 20 साल तक पाला, उसने एक लड़के के लिए पूरे परिवार को छोड़ दिया। यह हमारे लिए किसी सदमे से कम नहीं था। इसलिए हमने उसे मरा हुआ मान लिया और अंतिम संस्कार कर दिया।”

थाने में पहचानने से किया इनकार

इस घटना की चर्चा पूरे जिले में आग की तरह फैल गई और सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगी। जब इस मुद्दे पर लड़की के पिता वर्दीराम गरगामा से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “हमारी बेटी ने हमारे संस्कारों और समाज की मर्यादा को छोड़ दिया। जब हम थाने में उससे मिलने गए, तो उसने हमें पहचानने तक से इनकार कर दिया।”

परिवार ने की सख्त कानून बनाने की मांग

इस घटना के बाद, परिवार ने सरकार से मांग की है कि बेटियों के प्रेम विवाह को लेकर सख्त कानून बनाया जाए ताकि माता-पिता के सम्मान और संस्कारों की रक्षा की जा सके। परिवार का कहना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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