महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व की भव्य तैयारियां जोरों पर: मंदिर शिखर, गर्भगृह और कोटितीर्थ कुंड की विशेष सफाई जारी,12 फरवरी से रुद्रयंत्र और रजत दीवारों की विशेष शुद्धि प्रक्रिया होगी प्रारंभ

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
महाशिवरात्रि महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है, और उज्जैन नगरी इस दिव्य आयोजन के स्वागत के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो रही है।
बता दें, उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व 2025 के लिए भव्य तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। 17 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक मंदिर में शिवनवरात्रि उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पावन पर्व के लिए मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को दिव्य और भव्य माहौल मिल सके।
मंदिर प्रशासन द्वारा मुख्य शिखर की धुलाई, रंग-रोगन, कोटितीर्थ कुंड की सफाई, गर्भगृह एवं अन्य परिसर की स्वच्छता का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा, 12 फरवरी 2025 से गर्भगृह में रुद्रयंत्र और रजत दीवारों की विशेष सफाई की जाएगी, जिससे महाकाल मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा और अधिक प्रखर हो सके।
हर साल की तरह इस बार भी महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष पूजन-अर्चन, महाआरती, शिव अभिषेक एवं भव्य आयोजनों की योजना बनाई गई है। लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़ेंगे, और मंदिर प्रांगण शिव भक्ति से गुंजायमान होगा।
इससे पहले भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में दो बड़े बदलाव किए हैं, ताकि हर श्रद्धालु को सुलभ और व्यवस्थित तरीके से महाकाल के दर्शन हो सकें।
- हर प्रवेश द्वार पर संकेतक होंगे
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, प्रवेश द्वारों पर स्पष्ट संकेतक लगाए जाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को अपने मार्ग का अंदाजा आसानी से हो सकेगा और भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।
2.पूरी क्षमता से उपयोग होगी टनल व्यवस्था
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर फेसिलिटी सेंटर-1 से निर्गम रैंप, गणेश मंडपम् और नवीन टनल—दोनों ओर से दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, जो लंबी कतारों में घंटों तक खड़े नहीं रह सकते।
वीवीआईपी, बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि वीवीआईपी, बुजुर्ग और दिव्यांग भक्तों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उनके लिए अलग से प्रवेश और निकास व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे बिना किसी परेशानी के महाकाल के दर्शन कर सकें।