उज्जैन में 4-5 जून को होगी भव्य शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा, मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे शुभारंभ और समापन; हजारों श्रद्धालुओं की होगी आस्था से भरी भागीदारी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन की पावन धरा एक बार फिर आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को तैयार है। 4 और 5 जून को उज्जैन में शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जो न सिर्फ धार्मिक परंपराओं को जीवंत करता है, बल्कि उज्जैन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को भी गौरवशाली स्वरूप प्रदान करता है। इस ऐतिहासिक यात्रा का शुभारंभ 4 जून की सुबह 8 बजे रामघाट पर मां शिप्रा के पूजन से होगा, जिसमें स्वयं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। डॉ. यादव इस यात्रा के प्रारंभ और समापन दोनों ही कार्यक्रमों में सहभागिता करेंगे।
यह यात्रा कोई सामान्य धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है, जिसकी शुरुआत करीब 18 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की थी और आज यह हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुकी है। परिक्रमा यात्रा का समापन 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर रामघाट पर किया जाएगा, जहां मां शिप्रा को चुनरी अर्पित कर उनका पूजन और सोलह श्रृंगार के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। समापन अवसर पर भजन संध्या का आयोजन होगा और सेना के बैंड की भावपूर्ण प्रस्तुति श्रद्धालुओं को एक अनुपम अनुभव देगी।
यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन भी सक्रिय है। नगर निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर रोशन सिंह और नगर निगम कमिश्नर आशीष पाठक ने शिप्रा परिक्रमा मार्ग और रामघाट का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने साफ-सफाई, मंदिरों की पुताई, जल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और छाया की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
यात्रा मार्ग भी अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थलों से होकर गुजरेगा। रामघाट से प्रारंभ होकर यह परिक्रमा नृसिंह घाट, आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट, जंतर-मंतर, वरुणेश्वर महादेव, त्रिवेणी शनि मंदिर, गोठडा, सिकंदरी, दाउदखेड़ी, चिंतामण, मंगरोला फंटा, लालपुल, भूखी माता मंदिर और फिर दत्त अखाड़ा तक पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। 5 जून को यात्रा पुनः प्रारंभ होकर रणजीत हनुमान, कालभैरव, अंगारेश्वर महादेव, कमेड, मंगलनाथ, सांदीपनि आश्रम, गढ़कालिका, भर्तृहरि गुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकि धाम होते हुए वापस रामघाट पर पहुंचेगी।
सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला भी श्रद्धालुओं के अनुभव को आध्यात्मिक और मनोरंजक बनाएगी। 4 जून को शाम 7 बजे दत्त अखाड़ा घाट पर पवन तिवारी और उनके दल द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। 5 जून को शाम 7 बजे रामघाट पर सेना के लगभग 100 कलाकारों द्वारा भव्य मिलिट्री बैंड की प्रस्तुति होगी, जिसके बाद मुंबई की प्रसिद्ध कलाकार स्वस्ति मेहुल और उनका दल सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा। यही नहीं, 5 जून से 16 जून तक प्रतिदिन शाम 6 बजे रामघाट पर ढोली बुआ, ग्वालियर द्वारा श्री हरिकथा और नारद कीर्तन का आयोजन होगा।