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महाकुंभ 2028 के लिए तैयार हुआ हाईटेक सिस्टम, मोबाइल नेटवर्क ठप होने पर भी चलेगा पुलिस वायरलेस; देसी जुगाड़ से उज्जैन पुलिस ने 5 लाख की वायरलेस डिवाइस महज़ 2–3 हजार में तैयार की!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन पुलिस ने तकनीकी नवाचार का ऐसा उदाहरण पेश किया है जो पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बन सकता है। पुलिस टीम ने देसी जुगाड़ से एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जिसकी मार्केट कीमत लगभग 5 लाख रुपए बताई जाती है, लेकिन इसे महज़ 2–3 हजार रुपए में बना लिया गया। इस डिवाइस की मदद से अब जिले के सभी थाने और चौकियां एक ही वायरलेस नेटवर्क पर जुड़ गए हैं। प्रदेश में इस तरह का प्रयोग पहली बार उज्जैन में किया गया है और 2028 में होने वाले महाकुंभ के दौरान यह पुलिस की सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकती है।
अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की परेशानी खत्म
अब तक पुलिस को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस संचार के लिए अलग-अलग फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करना पड़ता था। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कमजोर रहता था, जिसकी वजह से आपात स्थिति में समय पर सूचना पहुंचाना मुश्किल हो जाता था। इस चुनौती का हल निकालने के लिए उज्जैन पुलिस ने भोपाल पुलिस के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक नई डिवाइस तैयार की। नई तकनीक ने डिजिटल और एनालॉग सिस्टम को जोड़कर पूरे जिले को एक ही चैनल पर जोड़ दिया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कंट्रोल रूम से दी गई सूचना अब एक साथ सभी थानों और चौकियों तक तुरंत पहुंच सकेगी।
महाकुंभ 2028 की सुरक्षा में निभाएगी अहम भूमिका
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि 2016 में उज्जैन महाकुंभ और प्रयागराज कुंभ का अध्ययन करने के बाद इस डिवाइस का खाका तैयार किया गया। 2028 में जब उज्जैन महाकुंभ आयोजित होगा, तब 150 किलोमीटर तक का संचार एक ही चैनल पर संचालित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि यह तकनीक फिलहाल पूरे मध्यप्रदेश में सिर्फ उज्जैन पुलिस के पास है। आने वाले समय में इसे प्रदेश की सीमा तक बढ़ाने की योजना है। सबसे खास बात यह है कि महाकुंभ के दौरान अगर मोबाइल नेटवर्क ठप भी हो गया, तब भी यह सिस्टम बिना रुकावट काम करता रहेगा। इस तकनीक को ऑपरेट करने के लिए 200 रेडियो स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
कम खर्च में बना हाई-टेक सिस्टम
इस डिवाइस की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका कम खर्च होना है। सामान्य परिस्थितियों में इस तकनीक की लागत 1.85 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक आ सकती थी। लेकिन उज्जैन पुलिस टीम ने देसी जुगाड़ और पुराने जमाने की कंप्यूटर मोडेम तकनीक का इस्तेमाल कर इसे महज 2–3 हजार रुपए में तैयार कर लिया। शहर के प्रमुख थानों में पांच डीएमआर (डिजिटल मोबाइल रेडियो) सेट लगाए गए हैं, जिससे सिस्टम और भी एडवांस हो गया है।
इस अनोखी उपलब्धि के पीछे पुलिस टीम की लगन और तकनीकी समझ की अहम भूमिका रही। एएसआई राजकुमार मिश्रा और एएसआई लाल सिंह के नेतृत्व में तैयार टीम ने इस सिस्टम को विकसित किया। इसके अलावा भोपाल पुलिस मुख्यालय के एआईजी एनके शाक्य, एएसआई लालजी (भोपाल), एएसआई रामकुमार मिश्रा (उज्जैन), आर. गौरव जायसवाल, रामअवतार वर्मा, सरदार गोरे और छगन निनामा ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।