उज्जैन में सिंहस्थ कुम्भ से पहले बड़ा हादसा: कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट के दौरान खाई में गिरने से सुपरवाइजर की मौत, एक मजदूर घायल!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की भव्य तैयारियों के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के तहत चल रहे सुरंग निर्माण कार्य के दौरान 20 जून को इंदौर रोड स्थित जमालपुरा क्षेत्र में बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 20 फीट गहरी खाई में गिरने से एक सुपरवाइजर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया।
जान गंवाने वाले सुपरवाइजर की पहचान 39 वर्षीय याकूब कुरैशी, निवासी बेगमबाग उज्जैन के रूप में हुई है। जबकि घायल मजदूर कमल चौधरी, निवासी मथुरा को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हादसे के समय बारिश के कारण कार्य बंद था, फिर भी याकूब और कमल यह देखने के लिए साइट पर पहुंचे थे कि कार्य दोबारा शुरू हो सकता है या नहीं। लेकिन यह निरीक्षण उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गया। कमल ने बताया कि याकूब का पैर अचानक फिसला और वे सीधे 20 फीट गहरी खाई में जा गिरे। उन्हें बचाने के लिए कमल भी कूद पड़ा, लेकिन वह भी गिर गया।
दोनों को आनन-फानन में निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां याकूब को सिर में गहरी चोट लगी होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं पाया। वहीं, याकूब के साले जाबिर हाजी ने बताया कि परिवार इस हादसे से बेहद टूट गया है। याकूब पेटी कॉन्ट्रैक्टर के अधीन काम कर रहे थे और उनके परिवार में पत्नी व दो छोटे बच्चे हैं। दुखद यह है कि अभी तक किसी कंपनी अधिकारी ने परिजनों से कोई संपर्क नहीं किया है।
वहीं प्रोजेक्ट इंचार्ज केपी सिंह ने बयान में कहा कि बारिश के कारण साइट पर काम बंद था, याकूब केवल निरीक्षण के लिए आया था, लेकिन खाई में फिसल गया। उन्होंने भी स्वीकार किया कि याकूब को सिर में गहरी चोट लगी थी, जिससे उनकी मौत हुई।
गौरतलब है की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा नदी को गंदे पानी से मुक्त रखने के लिए कान्हा नदी को डायवर्ट किया जा रहा है। इसके लिए जमीन के करीब 100 फीट नीचे 13 किलोमीटर लंबी सुरंग और 18 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर सुरंग की गहराई 26 मीटर तक है।
करीब 900 करोड़ रुपए की लागत से बन रही यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली है, जिसमें एक नदी को दूसरी नदी में मिलने से रोकने के लिए सुरंग और नहर बनाई जा रही है। इसका मकसद है कि सिंहस्थ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु शुद्ध और निर्मल शिप्रा जल में स्नान कर सकें।