खसरा दिवस 2025: 16 मार्च को मनाया जाएगा विश्व खसरा दिवस, 17 से 22 मार्च तक किया जाएगा विशेष टीकाकरण कैचअप सत्रों का आयोजन; ड्रॉप आउट बच्चों को MR वैक्सीन से करेंगे टीकाकृत

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

हर साल 16 मार्च को खसरा दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और टीकाकरण कवरेज को अधिकतम करना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. अशोक कुमार पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि खसरा उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार, स्वास्थ्य विभाग और समुदायों को मिलकर प्रयास करने होंगे।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली ने वर्ष 2026 तक मीजल्स-रूबेला (MR) उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर MR टीके की दोनों खुराकों की उपलब्धि 95% से अधिक करना जरूरी है। इसी क्रम में 16 मार्च को खसरा दिवस के अवसर पर 17 मार्च से 22 मार्च तक विशेष टीकाकरण कैचअप सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ड्रॉप आउट और लेफ्ट आउट बच्चों को MR वैक्सीन से टीकाकृत किया जाएगा।

खसरा बीमारी साइक्लिकल ट्रेंड के अनुसार हर चौथे साल महामारी का रूप धारण कर सकती है। हालांकि, समाज में इसे अभी भी “देवी प्रकोप” माना जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह एक खतरनाक वायरस जनित बीमारी है, जो तेजी से फैलती है और बच्चों के लिए बेहद जानलेवा हो सकती है।

टीकाकरण ही एकमात्र बचाव!

✅ एम.आर. (मीजल्स-रूबेला) वैक्सीन की दो खुराक बच्चों के लिए अनिवार्य हैं:

  • पहली खुराक: 09 से 12 माह के बीच
  • दूसरी खुराक: 16 से 24 माह के बीच

✅ टीकाकरण केंद्र:

  • जिला स्वास्थ्य केंद्र
  • आंगनवाड़ी केंद्र

हर मंगलवार और शुक्रवार को निःशुल्क टीकाकरण किया जाता है।

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