जबलपुर में 5 करोड़ का धान घोटाला, प्रशासन में हड़कंप: 2268 मीट्रिक टन धान की हेराफेरी, 22 पर FIR दर्ज

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

जबलपुर में धान उपार्जन में बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर किसानों तक को हिला कर रख दिया है। इस घोटाले में 2268 मीट्रिक टन धान की हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है। यह घोटाला करीब 5 करोड़ 21 लाख रुपए का है, जिसमें 5 समितियों के 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल, इस मामले की शिकायत के बाद, कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी ने कलेक्टर के निर्देश पर जांच शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। जांच में पता चला कि 2268 मीट्रिक टन धान की फर्जी एंट्री की गई थी, जिसे पोर्टल पर दिखाया गया। यह भी सामने आया कि वेयरहाउस संचालक, समिति प्रबंधक, खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खांड समिति ने फर्जी भुगतान तक हासिल कर लिया। दूसरी ओर, जिन किसानों ने सच में धान बेची थी, वे अब भी अपने भुगतान के लिए परेशान हैं।

बात दें, पनागर सेवा सहकारी समिति (नर्मदा एग्रो) में 7194.79 क्विंटल धान कम पाई गई है, जिसकी कीमत 1,65,48,037 रुपए है। मंझोली सेवा सहकारी समिति (मां रेवा वेयरहाउस) में 6068.59 क्विंटल की कमी आई, जिसका मूल्य 1,39,57,757 रुपए है। जय भवानी वेयरहाउस में 1134.20 क्विंटल की कमी पाई गई है, जिसका मूल्य 26,08,660 रुपए है। गुरुजी वेयरहाउस में 5161.60 क्विंटल धान कम पाई गई है, जिसकी राशि 1,29,22,780 रुपए है। वहीं, शुभी एग्रो वेयरहाउस में 2672.25 क्विंटल धान की कमी मिली है, जिसका मूल्य 61,46,175 रुपए है। जिसके बाद इन सभी समितियों और घोटाले से जुड़े आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

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