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PM मोदी आज ‘महाकाल लोक’ का करेंगे लोकार्पण
आदि-अनंत भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवनिर्मित नव्य-भव्य ‘श्री महाकाल लोक’ देश को समर्पित करेंगे। पूरी दुनिया में बसे सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह आस्था, श्रद्धा व गौरव का पल होगा।
लोकार्पण समारोह के लिए उज्जैन में अप्रतिम साज-सज्जा की गई है। केदारनाथ में नवनिर्माण, काशी विश्वनाथ में परिसर के विस्तार व सोमनाथ में नव्य निर्माण के बाद महाकालेश्वर मंदिर चौथा ज्योतिर्लिग है, जहां कायाकल्प किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। सर्वप्रथम महाकाल मंदिर पहुंचकर ज्योतिर्लिग की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद श्री महाकाल लोक का अवलोकन कर लोकार्पण करेंगे।
जिस समय प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित श्री महाकाल लोक का अवलोकन व लोकार्पण करेंगे, उस समय प्रदोषकाल रहेगा। प्रदोषकाल होने से यह समय सभी दोषों से मुक्त होगा। इस समय शिव नाम मुहूर्त रहेगा।
यह समय इसलिए भी चुना गया है क्योंकि लोकार्पण के समय शुक्र की महादशा होगी तथा शुक्र की कन्या राशि में बुध के साथ युति होगी। यह मुहूर्त आने वाले कालखंड में श्री महाकाल लोक व उज्जैन में पर्यटन व रोजगार भी बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी लोकार्पण के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी सभा में गायक कैलाश खेर द्वारा लिखा व गाया गया ‘महाकाल गान’ भी लोकार्पित किया जाएगा। खेर यहां प्रस्तुति भी देंगे।
उज्जैन। महाकाल लोक का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को लेकर सुरक्षा कारणों से कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। कार्यक्रमों के हर चरण और गतिविधियों को लेकर तैयारी-चर्चा और कयास हैं।
वैसे बताया जा रहा है कि पीए महाकाल मंदिर में पूजन के बाद कई क्विंटल पंचरंगी (मौली) धागे से बने 15 फीट ऊंचे,10 फीट चौड़े शिवलिंग के सामने दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण करेंगे। पीएम कार्तिक माह में दीपदान के महत्व के मद्देनजर शिप्रा में दीपदान के लिए भी जा सकते हैं।
पीएम मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल लोक के मुख्य द्वार नंदी द्वार पर दीप प्रज्जवलित कर लोकार्पण करेंगे। दीप प्रज्जवल करने के लिए द्वार पर पंचरंगी (मौली) धागे से खूबसूरत शिवलिंग बनाया गया है। इस दौरान पीएम मोदी के साथ करीब 150 साधु संत भी मौजूद रहेंगे।
निर्गम रैम्प से पहुंचेंगे नंदी हाल
प्रधानमंत्री नैवेद्य द्वार के सामने से होकर निर्गम रैम्प से नंदी हाल पहुंचेंगे। वे गर्भगृह में पूजन के लिए जाएंगे। पूजन उपरांत वापस निर्गम रैम्प से होकर मंदिर परिसर में ओंकारेश्वर मंदिर के सामने आएंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में कितना समय व्यतीत करेंगे। एसपीजी ने प्रधानमंत्री के आने-जाने के मार्ग के साथ ही परिसर में संभावित भ्रमण तक की व्यवस्थाएं देखी है।
शिप्रा नदी में दीपदान
कार्तिक माह के दौरान पवित्र नदियों-सरोवरों में दीपदान की मान्यता और महत्व है। इसें ध्यान में रखकर पीएम के हाथों मोक्षदायनी शिप्रा में दीपदान कराने के कार्यक्रम पर भी विचार किया जा रहा है। पीएम के महाकाल मंदिर से सभा स्थल कार्तिक मेला ग्राउंड जाने का मार्ग शिप्रा तट के समीप से होने के कारण पीएम मां शिप्रा को पुष्प अर्पित कर दीपदान कर सकते हंै। हालांकि कौन से घाट पर यह आयोजन होगा यह अभी तय नहीं हुआ है। प्रारंभिक रूप से कार्यक्रम जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
गर्भगृह में ध्यान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फायनल मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम अभी नहीं आया है। मोदी भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना के लिए मंदिर के गर्भगृह में पहुंचेगें। पीएम की भगवान शिव में गहरी आस्था है। देशभर में पीएम अभी तक जिन देवालयों में गए वहा उन्होंने ध्यान लगाकर प्रार्थना की है। लिहाजा माना जा रहा है कि पीएम महाकाल दर्शन पूजन के बाद गर्भगृह में ही बैठकर ध्यान लगाएंगे। इसके लिए इंतजाम भी रहेंगे।
महाकाल लोक के अनेक स्थानों के नाम अंग्रेजी से हिन्दी किए
उज्जैन। महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले परिसर के अलग-अलग हिस्सों के नामों को लेकर उलझी सरकार ने नाम बदलने का फैसला किया है। नामों को अंग्रेजी की बजाय हिन्दी (वैदिक) में करने के बाद विधिवत पोस्टर जारी किया है।
महाकाल लोक परिसर के अलग-अलग हिस्सों के नाम बदलने के जारी पोस्टर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा उज्जयिनी का गौरव लौटाने का हवाला देकर अंगे्रजी नामों को हिंदी में करने का जिक्र है। पोस्टर जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किया गया है। महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए तैयार उज्जैन नगरी में 11 अक्टूबर को ऐतिहासिक दिन होगा। यहां ३५० करोड़ से अधिक के महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण करने पीएम नरेंद्र मोदी पहुंच रहे हैं। लोकार्पण से दो दिन पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर महाकाल लोक परिसर के कई हिस्सों के नाम बदलकर हिंदी में किए।
संस्कृति मंत्री को आपत्ति थी
प्रदेश की संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने जनवरी 2022में महाकाल कॉरिडोर के कार्यों का अवलोकन करते हुए परिसर के अलग-अलग हिस्सों के नाम अंग्रेजी में होने पर चिंता जाहिर करते हुए आपत्ति लेकर अधिकारियों को नाम हिन्दी या वैदिक संस्कृति परपंराओं के अनुसार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।
इस खबर को ‘अक्षरविश्व’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। संस्कृति,धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर के समर्थक संजीव सिंह के अनुसार उस वक्त इस पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। लोकार्पण के चंद दिनों पहले मंत्री ठाकुर ने नामों पर गौर किया, तो नाम अंग्रेजी में थे। इसकी शिकायत और जानकारी मंत्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की। सीएम ने इसे गंभीरता से लेकर अंग्रेजी नामों को हिन्दी में करने के सख्त निर्देश दिए, तो ताबड़तोड़ नामों को हिन्दी में किया गया।