सिंहस्थ 2028: 9 अप्रैल से 8 मई के बीच 3 शाही स्नान और 7 पर्व स्नान,14 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे उज्जैन; 10,000 करोड़ का भव्य बजट में होगा स्थायी इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

महाकाल की नगरी उज्जैन एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी कर रही है। 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ को लेकर प्रशासन और श्रद्धालु, दोनों ही उत्साहित हैं। जब लाखों संन्यासी, अखाड़े, नागा बाबा और साधु-संत उज्जैन में एकत्र होंगे, तब पूरे शहर में एक दिव्य ऊर्जा का संचार होगा।

27 मार्च से 27 मई 2028 तक चलने वाले इस दो महीने लंबे सिंहस्थ महापर्व में आस्था का महासागर उमड़ेगा। अनुमान है कि इस बार 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकाल की नगरी में पुण्यस्नान के लिए पहुंचेंगे। सबसे खास बात यह है कि 9 अप्रैल से 8 मई के बीच तीन शाही स्नान और सात पर्व स्नान होंगे, जहां करोड़ों श्रद्धालु अमृतमयी शिप्रा नदी में डुबकी लगाएंगे।

महाकुंभ से सीख, उज्जैन में नई व्यवस्थाएं

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ से सीख लेते हुए सिंहस्थ 2028 को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया है। अधिकारियों की टीम प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं का गहन अध्ययन कर चुकी है। पुलिस डिप्लॉयमेंट, ट्रैफिक, फायर सेफ्टी, जल पुलिस और रेस्क्यू ऑपरेशन तक हर पहलू पर रणनीति तैयार हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धालुओं को शिप्रा नदी तक लंबा सफर पैदल न करना पड़े, इसके लिए सभी पार्किंग और अन्य सुविधाएं सुव्यवस्थित बनाई जा रही हैं। ड्रोन कैमरों से भीड़ पर नजर रखी जाएगी, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

सिंहस्थ 2016 बनाम सिंहस्थ 2028: भव्यता की नई परिभाषा

2016 में आयोजित सिंहस्थ कुंभ में करीब 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। लेकिन 2028 में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होने की उम्मीद है। इस आयोजन पर 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आने का अनुमान है, जिससे उज्जैन का धार्मिक और आर्थिक विकास भी होगा।

भव्य कुंभ नगरी का होगा स्थायी निर्माण

इस बार सिंहस्थ मेला क्षेत्र को स्थायी रूप से विकसित करने का महायोजना बनाई गई है। 2378 हेक्टेयर भूमि पर बसाई जाने वाली नई कुंभ नगरी में चौड़ी सड़कों, खूबसूरत चौराहों, अंडरग्राउंड केबलिंग, आधुनिक अस्पतालों और स्कूलों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होंगी। 2000 करोड़ रुपए के बजट से बनने वाली यह नगरी उज्जैन के भविष्य को एक नया स्वरूप देगी।

29 किलोमीटर तक बनेंगे नए घाट, 42,000 जवान संभालेंगे सुरक्षा

सिंहस्थ के दौरान शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर तक नए घाटों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सुरक्षा के लिए 42,000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, साथ ही महाकाल लोक और तपोभूमि पर दो नए पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं।

क्राउड और आपदा प्रबंधन: 15 मिनट में होगा रिस्पॉन्स

प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि रहे। प्रयागराज महाकुंभ की तर्ज पर ड्रोन कैमरों और इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के जरिए भीड़ पर नजर रखी जाएगी। शाही स्नान के दौरान प्रत्येक श्रद्धालु को अधिकतम 15 मिनट स्नान के लिए मिलेंगे, ताकि व्यवस्था सुचारु बनी रहे। आपदा प्रबंधन का रिस्पॉन्स समय 15 मिनट तय किया गया है, जिससे किसी भी स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके।

इसी के साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सैटेलाइट रेलवे स्टेशनों का विकास, नए हाईवे, नए पुलों और एयरपोर्ट से उज्जैन तक बेहतर कनेक्टिविटी का निर्माण किया जा रहा है। प्रशासन इस बार सुनिश्चित कर रहा है कि हर यात्री का सफर सुगम और सुरक्षित हो।

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