महाकाल मंदिर के आईटी विभाग का काला सच! ADM की आईडी ब्लॉक कर बेचते थे भस्म आरती की परमिशन, 13 आरोपी गिरफ्तार…

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है महाकाल मंदिर, लेकिन क्या हो अगर इस आस्था के नाम पर कुछ लोग अवैध रूप से पैसे कमाने का खेल खेलें? जी हां! महाकाल मंदिर में अवैध दर्शन और भस्म आरती की परमिशन को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। इस खेल में मंदिर के कर्मचारियों से लेकर मीडिया कर्मियों तक का नाम जुड़ा है। आइए जानते हैं, आखिर क्या है पूरा मामला।

उज्जैन के महाकाल मंदिर में अवैध तरीके से दर्शन कराने और भस्म आरती की परमिशन देने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इस मामले में उज्जैन पुलिस ने अब तक 13 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें मंदिर और आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ-साथ कुछ मीडिया कर्मी भी शामिल हैं।

वहीं, पुलिस की जांच में एक बड़ा खुलासा भी हुआ है कि मंदिर के आईटी शाखा के कर्मचारी भस्म आरती की परमिशन को लेकर बड़ा खेल खेलते थे। रुपए कमाने के लालच में ये कर्मचारी शाम 7 बजे के बाद भी मंदिर की आईडी से परमिशन बनाते थे, जबकि नियम के अनुसार, इस समय के बाद आईडी बंद हो जानी चाहिए।

कैसे चल रहा था घोटाला?

दरअसल, मंदिर और एडीएम को दी गई लॉगिन आईडी का गलत इस्तेमाल करके हजारों श्रद्धालुओं से पैसे लिए गए। शाम 7 बजे के बाद मंदिर की आईडी से भस्म आरती की परमिशन बनाने पर रोक थी, लेकिन आईटी विभाग के कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करते हुए मंदिर की आईडी से परमिशन जारी करते थे।

जब मंदिर की आईडी से सीटें भर जाती थीं, तो एडीएम की आईडी का इस्तेमाल किया जाता था। एडीएम की आईडी को ब्लॉक कर फिर से मंदिर की आईडी से भस्म आरती की परमिशन बनाकर रात 10 बजे तक 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाती थी। इसके साथ ही, भस्म आरती के लिए कुछ खास लोगों को प्रोटोकॉल के तहत अतिरिक्त सीटें दी जाती थीं। जिनमें पुजारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया और न्याय विभाग के अधिकारी शामिल थे। यह कोटा भी गलत तरीके से बढ़ा दिया गया था। प्रशासन ने मंदिर में आग लगने के बाद एंट्री की संख्या घटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ ही दिनों बाद फिर से यह संख्या बढ़कर 1500 से 2000 तक पहुंच गई।

सूत्रों के अनुसार, आईटी शाखा के प्रमुख राजकुमार सिंह और जिला सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव ने इस घोटाले में बड़ी भूमिका निभाई। क्योंकि इनके द्वारा एडीएम की आईडी ब्लॉक कर, शाम 7 बजे के बाद 100 से ज्यादा भस्म आरती की परमिशन जारी की जाती थी।

जांच के दौरान पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मंदिर के कर्मचारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव, आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, भस्म आरती निरीक्षक रितेश शर्मा और आउटसोर्स कर्मचारी ओम प्रकाश माली और जितेंद्र परमार का नाम सामने आया है। अब तक की जांच में और पूछताछ के दौरान, पुलिस को कई और संदिग्ध नाम सामने आए हैं। रितेश शर्मा की पूछताछ में जो नई जानकारी मिली है, उसके आधार पर पुलिस ने 5 और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन आरोपियों में भस्म आरती प्रभारी आशीष शर्मा, क्रिस्टल कंपनी का सुपरवाइजर करण राजपूत, मीडियाकर्मी पंकज शर्मा और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

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