उज्जैन में रंगपंचमी का उल्लास: बाबा महाकाल के दरबार से निकली आस्था और रंगों की बयार, भक्तिभाव से सराबोर हुआ उज्जैन; ढोल-नगाड़ों के साथ निकले 51 ध्वज, वीरभद्र रथ और नगर गेर

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

धर्म और भक्ति की नगरी, उज्जैन आज रंगों में सराबोर हो चुकी है। रंगपंचमी के पावन अवसर पर पूरे शहर में उल्लास और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। इस पवित्र पर्व की शुरुआत स्वयं बाबा महाकाल के दरबार से हुई, जहां तड़के हुई भस्म आरती में भगवान को केसर युक्त रंग अर्पित किया गया। इसके बाद महाकाल मंदिर में पुजारियों और श्रद्धालुओं ने बाबा के साथ रंगों की अनूठी होली खेली, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय और आनंदमय हो गया।

रंगपंचमी पर उज्जैन का सबसे बड़ा आकर्षण नगर गेर और महाकाल ध्वज चल समारोह रहता है। इस बार भी नगर निगम द्वारा भव्य नगर गेर निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग शामिल हुए। सुबह 9 बजे महाकाल मंदिर चौराहे से गेर का शुभारंभ हुआ और पूरा शहर रंगों की आभा से चमक उठा। इस गेर में 20 क्विंटल गुलाल, 30 किलो कलर, सुगंधित इत्र और गुलाब जल का छिड़काव किया गया। इसके अलावा 4 बड़े डीजे, ताशा पार्टियां, 3 फायर फाइटर, 2 वाटर लॉरी और ब्लोअर के माध्यम से रंगों की वर्षा की गई, जिससे वातावरण अलौकिक और मनमोहक बन गया।

रंगपंचमी का उत्साह सिर्फ नगर गेर तक ही सीमित नहीं था, बल्कि मंगलवार की रात से ही पूरे शहर में इस पर्व की धूम मच गई थी। चारधाम मंदिर सहित कई मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। संतों और बटुकों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर यह संदेश दिया कि रंगपंचमी केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के मिलन का पर्व भी है।

सुबह होते ही श्रद्धालु अपने परिवार और मित्रों के साथ रंगपंचमी का आनंद उठाने के लिए घरों से निकल पड़े। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस पर्व के रंग में रंगा नजर आया। महिलाओं और पुरुषों ने भी एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया।

रंगपंचमी के शुभ अवसर पर श्री महाकालेश्वर वीरभद्र ध्वज चल समारोह समिति द्वारा पारंपरिक ध्वज चल समारोह निकाला जाएगा। इस आयोजन की खास बात यह है कि इसमें 51 ध्वज पताकाओं के साथ एक चांदी का ध्वज और वीरभद्र जी का रथ शामिल होगा। इसके साथ ही सात भव्य धार्मिक झांकियां, अखाड़ों के प्रदर्शन, ढोल-ताशे और बैंड की मनमोहक धुनें श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो देंगी।

महाकाल मंदिर से पूजन के बाद ध्वज चल समारोह पूरे शहर में भ्रमण करेगा। यह आयोजन तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, फव्वारा चौक, नई सड़क, कंठाल चौराहा, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी चौराहा से होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगा। हर साल की तरह इस बार भी इस शोभायात्रा में लाखों भक्तों के शामिल होने की संभावना है।

 

Leave a Comment