श्रावण माह की दूसरी भव्य सवारी में शिवमय हुई उज्जैन नगरी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नंगे पांव हुए शामिल, जनजातीय लोकनृत्य से सजी महाकाल की सवारी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

श्रावण मास की दूसरी सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की ऐतिहासिक और भव्य सवारी का आयोजन उज्जैन में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस दिव्य सवारी में नंगे पांव पैदल चलकर सहभागी बने और स्वयं भगवान चंद्रमोलेश्वर की पालकी का पूजन कर सवारी की शुरुआत की। इस अवसर पर भगवान महाकाल अपने चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में पालकी में और मनमहेश स्वरूप में गजराज पर आरूढ़ होकर उज्जैन की प्रजा को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकले।

सवारी प्रारंभ होने से पूर्व सभा मंडप में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्री महाकाल की पालकी का षोडशोपचार पूजन और आरती की। सवारी मार्ग पर भक्तों का अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। पूरे मार्ग पर “हर हर महादेव” और “जय श्री महाकाल” के जयघोष गूंजते रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरे मार्ग पर डमरू और मंजीरे बजाते हुए, भक्ति में लीन होकर पैदल चलते नजर आए। उनके साथ उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, और कई जनप्रतिनिधि भी पूजा-अर्चना में शामिल हुए।

सवारी की गरिमा को और बढ़ाते हुए इस बार मुख्यमंत्री डॉ. यादव की विशेष पहल पर 08 जनजातीय लोकनृत्य दलों ने अपने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए। इनमें नासिक का सौगी मुखोटा नृत्य, हरियाणा का हरियाणवी घूमर, राजस्थान का गैर घूमरा, मध्यप्रदेश का बरेदी नृत्य और झाबुआ का भगोरिया, गुजरात का राठ नृत्य, उड़ीसा का शंख ध्वनि नृत्य और छत्तीसगढ़ का लोकपंथी नृत्य शामिल रहा। कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में लोक वाद्ययंत्रों के साथ प्रस्तुति दी, जिसने माहौल को पूरी तरह सांस्कृतिक और दिव्य बना दिया।

मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप इस बार सवारी में 350 पुलिसकर्मियों की पुलिस बैंड ने भी मनोहारी प्रस्तुति दी। “ॐ नमः शिवाय”, “हर हर शंभू”, “देवा हो देवा”, “ॐ जय शिव ओंकारा” जैसे भजनों की धुनों ने श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबो दिया। वहीं स्कूली विद्यार्थियों ने घोष वादन कर आयोजन की शोभा को और बढ़ाया। पूरी सवारी में शहर शिवमय हो गया।

भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर की पालकी जब मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची तो सशस्त्र पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मार्ग में पुष्पवर्षा, ढोल-नगाड़ों और शंखनाद की गूंज से नगर गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने हर जगह महाकाल के जयकारों से बाबा का स्वागत किया। विशेष बात यह रही कि जब एक एम्बुलेंस को सवारी मार्ग से गुजरना पड़ा, तो श्रद्धालुओं ने अनुशासन और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए स्वयं रास्ता दिया।

सवारी मार्ग महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामघाट, रामानुज कोट, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर होते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचा। रामघाट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ क्षिप्रा के पवित्र जल से भगवान चंद्रमोलेश्वर का अभिषेक किया। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार और भजनों की प्रस्तुति से माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

गोपाल मंदिर में सिंधिया स्टेट की परंपरा अनुसार मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान का पूजन हुआ। इसके पश्चात पालकी मंदिर लौट आई, जहां विधिपूर्वक आरती के साथ सवारी का समापन हुआ।

श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इस बार दो चलित एलईडी रथों के माध्यम से लाइव दर्शन की व्यवस्था की गई थी। हजारों श्रद्धालुओं ने इस माध्यम से सवारी का दर्शन किया और भक्ति भाव से झूमते रहे।

Leave a Comment