उज्जैन के माधवनगर हॉस्पिटल में हुई तीन मौतों में दो थे कोरोना संदिग्ध, जांच की मांग

चर्चा : ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप होने से हुई मौतें

उज्जैन। राज्य शासन के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल शा.माधवनगर में कल प्रात: 8 से 9 बजे के बीच ही दो मरीजों की मौत हो चुकी थी। तीसरे को गंभीर अवस्था होने पर अमलतास भेजने का निर्णय लिया गया था।

हालात ऐसे रहे कि मौतों की खबर सुनकर हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा रोने लगे थे। उन्हे रोता देखकर पूरा स्टॉफ सहम गया था। स्टॉफ ने आरोप लगाया कि यह सब सीएमएचओ स्टोर का किया धरा है। वहां से बरती जा रही लापरवाही की जांच होना चाहिए।

यह बताया गया घटनाक्रम

कुछ स्टॉफ ने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाय का सारा काम इंजीनियर अखिलेश देखता है। जब वह नहीं रहता है तो वार्ड ब्वाय एवं स्टॉफ के लोग देख लेते हैं। हॉस्पिटल में प्रवेश करते समय बायीं और ऑक्सीजन के बड़े कंटेनर लगे दिखाई देते हैं। इसमें तीन वॉल्व है। पहला वाल्व तरल ऑक्सीजन को प्रदाय करने का है। दूसरा वाल्व इस कंटेनर में ऑक्सीजन समाप्त होने या बर्फ बनने के कारण सप्लाय प्रभावित होने पर खोला जाता है। यह वाल्व अंदर कमरे में रखे उन 30 सिलेण्डर से जुड़ा है, जो ऑक्सीजन सप्लाय को निरंतर बना देते हैं। तीसरा वॉल्व प्रेशर का है।
बाहर रखे ऑक्सीजन के बड़े कंटेनर में तापमान गिरने के कारण तरल ऑक्सीजन बर्फ में बदल रही थी। इससे सप्लाय बाधित हो रही थी। इधर अंदर रखे 30 में से करीब 20 सिलेण्डर खाली थे। इस बात की जानकारी आठ दिन से सीएमएचओ स्टोर को दे रखी थी।

स्वयं डॉ.भोजराज शर्मा यह जानकारी सीएमएचओ को दे चुके थे। बावजूद इसके सिलेण्डर नहीं आए। गौरतलब है कि उज्जैन में ऑक्सीजन सिलेण्डर की सप्लाय देनेवाले हैं,लेकिन सीएमएचओ स्टोर द्वारा इंदौर के दुकानदार को सप्लाय का ठेका दिया हुआ है। वहां इंजीनियर अखिलेश ने भी फोन किया कि सिलेण्डर खाली हो गए हैं,भेज दो। आरोप है कि वहां से कहा गया कि जब और जगह से मांग आएगी तो एक साथ गाड़ी भरकर भेज देंगे। दो दिन पूर्व डॉ.भोजराज शर्मा ने भी फोन किया कि सिलेण्डर खाली हो गए हैं। इधर कल सुबह हादसा हो गया।

यह प्रयत्न मौजूदा स्टॉफ ने

जब ऑक्सीजन की सप्लाय बंद हुई तो तुरंत पूरा स्टॉफ कंटेनर के पास दौड़ा। कंटेनर पर गर्म पानी की धार डाली गई ताकि जमी बर्फ पिघले ओर कंटेनर से ऑक्सीजन की जो सप्लाय बाधित हुई है,वह प्रारंभ हो जाए। कुछ स्टॉफ ने कंटेनर को उठाने की कोशिश की ताकि अंदर ले जाकर तापमान को मैंटेन कर लें। चूंकि अंदर खाली सिलेण्डर अधिक थे,इसलिए वहां से प्रेशर के साथ सप्लाय की उम्मीद न के बराबर थी। हालांकि हांसिल कुछ नहीं हुआ। बड़े कंटेनर पर ही गर्म पानी डालकर सप्लाय को प्रेशर के साथ शुरू किया गया। तब तक ऑक्सीजन बाधित तो रही।

हीटर तक नहीं दिया सीएमएचओ स्टोर ने

बाहर रखे कंटेनर में भरी तरल ऑक्सीजन बर्फ बन जाती है। इससे सप्लाय बाधित होती है। इसीलिए एक हीटर डॉ.भोजराज शर्मा द्वारा सीएमएचओ कार्यालय से मांगा गया था। आरोप है कि आज तक वह भी नहीं दिया गया। यह बात 14-15 अगस्त की है,जब हीटर के लिए फोन किया गया था। जलाधारी की तर्ज पर हीटर का गर्म पानी कंटेनर पर गिरता है ताकि बाहर का तापमान गर्म रहने से अंदर बर्फ न जमे। कल बाल्टियों से गर्म पानी डाला गया,जिसमें भी सफलता कुछ समय बाद मिली। गंभीर रोगियों की मौत होने का आरोप इसी कारण से लगाया रहा है।

यह है कलेक्टर से मांग…इन बिंदुओं पर करवाई जाए जांच

कलेक्टर से कतिपय स्टॉफ ने मांग की है कि इन बिदुओं पर जांच करवाई जाए,ताकि यह साफ हो जाए कि लापरवाही कहां से हो रही है…

* शा.माधवनगर के पास अपना कोई बजट नहीं है। हर बात के लिए सीएमएचओ स्टोर पर निर्भर रहना होता है।

* इंडेन जाने पर सीएमएचओ स्टोर से तत्काल आपूर्ति नहीं होती है। ऑक्सीजन सिलेण्डरों की आपूर्ति का चार्ट देख लिया जाए,आखिरी बार कब हुई और कितने सिलेण्डर खाली रखे थे।

* कंटेनर पर गर्म पानी डलता रहे,इसके लिए मांग के बावजूद हीटर क्यों नहीं दिया गया? आगे ठण्ड के दिनों में क्या करेंगे?

* जब उज्जैन से गैस सिलेण्डर मिल जाते हैं,तो इंदौर ठेका क्यों दिया गया?

* एमपीईबी से जानकारी ली जाए कि उनके यहां से कब और कितनी देर तक शा.माधवनगर की बिजली सप्लाय बंद रही?

* इंजीनियर अखिलेश से पूछा जाए कि कितनी बार खाली ऑक्सीजन सिलेण्डर के लिए उन्होने डॉ.शर्मा और सीएमएचओ स्टोर तथा इंदौर के ठेकेदार से बात की?

* यह भी पूछा जाए कि क्या वास्तव में बिजली जाने से गउ़बड़ हुई? यदि ऐसा हुआ तो जनरेटर क्यों नहीं चला,क्या वह ऑटोमेाड पर नहीं था? क्या 12 केवी के इनवर्टर से बिजली की आपूर्ति चालू नहीं हुई थी?

डॉ.भोजराज शर्मा ने दिए इन सवालों के जवाब

इस प्रतिनिधि ने डॉ.भोजराज शर्मा से चर्चा की। सिलसिलेवार उन्होने जो जवाब दिए,वे जवाब पढ़कर पाठक ही निष्कर्ष निकालें-

प्रश्न: कल हुई मौतो को लेकर आपका क्या कहना है?

उत्तर: मैं बहुत दु:खी हूं। हम सिस्टम को ओर मजबूत करेंगे।

प्रश्न: कल बिजली आपूर्ति बंद थी,इसलिए ऑक्सीजन सप्लाय प्रभावित हुई,ऐसी चर्चा है?

उत्तर: नहीं,बिजली नहीं गई गई थी,केवल ट्रिपिंग हुई थी। जनरेटर भी हमारे पास है। इनवर्टर भी है। बिजली नहीं गई थी।

प्रश्न: ऑक्सीजन सप्लाय प्रभावित होने से मरीजों की मौत हुई? तापमान गिरने के कारण ऑक्सीजन बर्फ बन गई थी,हीटर नहीं था।

उत्तर: हां,तापमान गिरने से असर गिरता है। बर्फ बनने से सप्लाय प्रभावित हुई थी। हमने हीटर का बोल रखा है,अभी तक मिला नहीं है।

प्रश्न: दो मोते हुई या तीन? कोरोना पॉजिटिव थे क्या?

उत्तर: तीन मौते हुई है। दो कोरोना संदिग्ध थे। उनकी रिपोर्ट कल आई होगी। आज स्पष्ट होगा। तीनों मरीज गंभीर तो थे ही। ऐसे में केवल कोरोना से मौत होना नहीं कहा जा सकता। अन्य आर्गन भी प्रभावित थे उनके।

इनका कहना है…
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल ने कहाकि बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं हुई थी। ऑक्सीजन की सप्लाय बाधित होने की बात आई है। जांच करेंगे। हीटर के लिए कहा गया था लेकिन गीजर का प्रावधान नहीं है। तीनों मौतों को लेकर कहां चूक हुई है,जांच करवाएंगे।

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