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कोरोना वायरस….अभी कम मरीज निकला है तूफान के पहले की शांति
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उज्जैन।नवंबर से फरवरी, 2021 तक का समय शहर में कोरोना वायरस के हमलों को लेकर आपाधापी का रह सकता है। चिकित्सकों के अनुसार इस समय वायरस क्या ट्रेंड करेगा, कहना मुश्किल है लेकिन ठंड में वैसे भी स्वाइन फ्लू सिर उठाता है। ऐसे में कोरोना का साथ मिलने पर ये वायरस अधिक तेजी से फैल सकते हैं। कमजोर शरीर वालों को अपनी इम्युनिटी बढ़ाना होगी, वहीं सावधानी से जीवन जीना होगा।
यह कहना है कि शहर के दो वरिष्ठ चिकित्सकों का, जो कोरोना वायरस से सीधी जंग लड़ रहे हैं। पहले है शासकीय माधवनगर हॉस्पिटल में कोरोना महामारी से लडऩे वाली टीम के नोडल अधिकारी डॉ.एच.पी. सोनानिया और आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड के प्रभारी डॉ. सुधाकर वैद्य का। डॉ. सोनानिया सालों से स्वाइन फ्लू का उपचार कर रहे हैं और शा.माधवनगर में स्वाइन फ्लू वार्ड के नोडल अधिकारी रहते आए हैं। उनका मानना है कि नवंबर से फरवरी माह तक का समय पीक का रह सकता है। वायरस का ट्रेंड बताता है कि गर्मियों में यह चरम पर रहा और उसके बाद अब ठंड में चरम पर आएगा। इस समय जो संख्या कम आ रही है, वह तूफान के पहले की शांति कही जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि लोग अभी से अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहे। वैसे भी नवंबर माह से स्वाइन फ्लू के मरीज आना शुरू हो जाते हैं। अब कोरोना वायरस का संग उसे मिलने पर हालात गंभीर भी हो सकते हैं।
डॉ. वैद्य के अनुसार कोरोना का चरम आने को है। उन्होने बताया कि स्वाइन फ्लू जिस प्रकार से ठंड के दिनों में लोगों को चपेट में लेता है, उसी ट्रेंड पर कोरोना का यू टर्न आ सकता है। अभी जो आंकड़े कम आ रहे हैं, वे पिछले आंकड़ों का अध्ययन करने पर बताते हैं कि शून्य पर जाकर फिर शीर्ष पर कोरोना पहुंचा। उज्जैन शहर में भी यही हालात बनने की आशंका है। उन्होंने बताया कि लोग अभी भी मॉस्क पहनने को लेकर जागरूक नहीं है, वहीं वे सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं कर रहे हैं।
इधर अभी भी ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए माधवनगर अस्पताल में आ रहे हैं मरीज
फीवर क्लिनिक पर घटी फ्रिक्वेंसी
उज्जैन। शासकीय माधवनगर हॉस्पिटल में इन दिनों करोना मरीजों की संख्या कम है लेकिन अन्य मरीजों का आना जारी है। हालात यह है कि जो मरीज ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए आते हैं, गंभीर हालात में भर्ती किए जाते हैं, उनकी रिपोर्ट भले ही निगेटिव आ जाती है लेकिन उनके शरीर पर बीमारी के लक्षण कोरोना पॉजीटिव जैसे ही होते हैं। इन दिनों शासकीय माधवनगर में प्रतिदिन 6 से 8 मरीज गंभीर पीड़ीत होकर आ रहे हैं।
इन मरीजों को ऑक्सीजन का प्रतिशत 40 से 80 प्रतिशत के बीच में रहता है। तत्काल ऑक्सीजन दी जाती है। ऑक्सीजन देने के बाद भी हालात क्रिटिकल बने रहते हैं। हालांकि ऐसे मरीजों का प्रतिशत ठीक होने वालों से कम आ रहा हैं किंतु गंभीर अवस्था बनी रहने के चलते परिजनों में शंका-कुशंका बनी रहती है।डॉ. प्रवेश शर्मा के अनुसार फीवर क्लिनिक में मरीजों का आना काम हुआ है। इसी प्रकार सर्दी-बुखार-खांसी के मरीज भी कम हुए हंै। यह मौसम परिवर्तन का एक कारण हो सकता है। किंतु सावधानी रखना आवश्यक है।