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प्राण-प्रतिष्ठा:स्वामी सत्यमित्रानंदजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, आज मुख्यमंत्री चौहान व स्वामी अवधेशानंद आएंगे
उन्होंने शिप्रा नदी के किनारे समन्वय निलयम् सेवा सदन स्थापित करने और उसे संचालित करने की इच्छा जताई थी
निवृत्तमान शंकराचार्य, पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के अवतरण महोत्सव में सोमवार को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदजी व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शामिल होंगे। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार सुबह 10.50 बजे उज्जैन आएंगे और नृसिंह घाट पर आयोजित कार्यक्रम में डेढ़ से दो घंटे तक रहेंगे। उसके बाद सैलाना के लिए रवाना होंगे। समन्वय परिवार के अध्यक्ष डॉ. टीआर थापक व उपाध्यक्ष सुरेश मोढ़ ने बताया स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का उज्जैन से बहुत जुड़ाव रहा।
उन्होंने शिप्रा नदी के किनारे समन्वय निलयम् सेवा सदन स्थापित करने और उसे संचालित करने की इच्छा जताई थी। अपनी इस कल्पना को मूर्तरूप देने के लिए पूज्य गुरुदेव ने 4 सितंबर 1999 को समन्वय परिवार ट्रस्ट की स्थापना की थी और भूमिपूजन करवाया था। कोरोना काल में दो साल तक निर्माण कार्य स्थगित रहने के बाद नृसिंह घाट के समीप तल मंजिल का निर्माण व गुरुदेव कुटीर का निर्माण किया है। इसकी सोमवार को प्राण-प्रतिष्ठा होगी। गुरुदेव द्वारा जीवनकाल में उपयोग की वस्तुओं और पोशाकों को भी स्मृति कक्ष में संग्रहित किया है। गुरुदेव द्वारा रचित साहित्य व उनके प्रवचनों की ऑडियो व वीडियो का भी संग्रहालय का संचालन किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि सोमवार को सेवा सदन और मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदजी के हाथों स्वामी सत्यमित्रानंदजी की प्रतिमा का अनावरण व सेवा सदन समन्वय निलयम् का लोकार्पण होगा।